For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फ़ाइलातुन  फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन

2122   2122 2122

धमनियों में दौड़ता यूँ तो सदा है ।।

रक्त है जो देश हित में खोलता है ।।

हौसला उस वीर का देखो ज़रा तुम ।

गोलियों की धार में सीना तना है ।।

        

रणविजय तक सांस ये चलती रहेगी ।

जीत से पहले यहाँ मरना मना है ।।

रक्त की हर बूंद रण में है गिरी जो 

बूंद से  रण बांकुरा इक उठ खड़ा है

हर जनम तेरा ही बेटा मैं बनूं माँ ।

आयु कम मां भारती का ऋण बड़ा है ।

"मौलिक व अप्रकाशित"





Views: 515

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by प्रशांत दीक्षित 'प्रशांत' on February 5, 2020 at 3:35pm

बहुत बहुत धन्यवाद लक्ष्मण धामी'मुसाफिर' जी ।

बहुत बहुत धन्यवाद समर कबीर जी

Comment by Samar kabeer on January 29, 2020 at 3:29pm

जनाब प्रशांत दीक्षित 'सागर' जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है,बधाई स्वीकार करें ।

जनाब मुसाफ़िर जी की बात का संज्ञान लें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 27, 2020 at 6:34am

आ. भाई प्रशांत जी, सुंदर गजल हुई है हार्दिक बधाई। 

होसला को हौसला कर लीजिएगा 

बूंद से  रण बांकुरा इक उठ खड़ा है

इस मिसरे को यूँ करने से गुणवत्ता निखर सकती है ..सादर

'उससे नव रण बांकुरा इक उठ खड़ा है'

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"ग़ज़ल पर आने और हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय"
8 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. चेतन जी सहभागिता के लिए धन्यवाद ..दे चुका ईसा को सूली सुकरात ज़हर... ऐसे कोई गद्य नहीं…"
9 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. अजय जी,ग़ज़ल पर अमित जी विस्तार से कह ही चुके हैं .दफ़्न दिल में तमन्नाओं की लाश कर…"
11 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"धन्यवाद आ. अजेय  जी "
16 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
16 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"शुक्रिया आदरणीय चेतन प्रकाश जी"
17 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"शुक्रिया आदरणीय अमीरउद्दीन जी"
17 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"महत्वपूर्ण इसलाह के लिए आभार अमित भाई। // दिल में लाशें तमन्नाओं की कर के दफ़्न ऐसे किये तो?"
20 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आयोजन में सहभागिता के लिए आपका धन्यवाद ।"
26 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"जनाब अजय गुप्ता 'अजेय' जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें…"
28 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"जनाब दयाराम जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,लेकिन ग़ज़ल अभी समय चाहती है । शेष जनाब…"
34 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें । शेष जनाब अमित…"
38 minutes ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service