For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122   2122     2122    212

तोड़ने से पहले मुझको आजमा कर देख ले
अपने घर के एक कोने में सजा कर देख ले

आज भी ज़िंदा है दुनिया में वफ़ा की रोशनी
अपने आंगन में कोई पौधा लगाकर देख ले

कोई अक्षर तुझको मिल जाएगा मेरे नाम का
अपने हाथों की लकीरों को मिला कर देख ले

हौसला करने से मिल ही जाता है सब कुछ यहाँ
वक़्त की भट्टी में बस खुद को तपा कर देख ले

सबसे बढ़कर खूबसूरत कैसे हैं तेरी हया
आइने को आंखों में काजल सजाकर देख ले

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 318

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by मनोज अहसास on March 31, 2020 at 9:23pm

हार्दिक आभार आदरणीय salik साहब

सादर

Comment by मनोज अहसास on March 31, 2020 at 9:23pm

हार्दिक आभार आदरणीय अमीर साहब सादर 

Comment by मनोज अहसास on March 31, 2020 at 9:22pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब आपके निर्देशानुसार आगे से मुक्ता लगाने का प्रयास करूंगा सादर आभार

Comment by सालिक गणवीर on March 31, 2020 at 8:21pm
कोई अक्षर तुझको मिल जाएगा मेरे नाम का..
लाजवाब मिसरा, भाई मनोज अहसास, हार्दिक बधाई
Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on March 31, 2020 at 6:51pm

जनाब मनोज अह्सास जी आदाब,  ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिये

तहे-दिल से मुबारकबाद कु़बूल फरमाइये। 

Comment by Samar kabeer on March 31, 2020 at 3:58pm

जनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।

एक बात पहले भी कह चुका हूँ, आज भी कहता हूँ कि उर्दू शब्दों में आप जब तक नुक़्ते लगाना नहीं सीखेंगे,अच्छे ग़ज़लकार नहीं बन सकते,इस तरफ़ विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service