ओपन बुक्स ऑनलाइन की भोपाल इकाई का वार्षिकोत्सव 'ओबीओ साहित्योत्सव 2023' दिनांक 7 मई 2023 दिन रविवार को भोपाल की होटल रेवा रीजेंसी, एमपी नगर में सम्पन्न हुआ। यह आयोजन तीन सत्रों में आयोजित किया गया था। प्रथम सत्र में व्याख्यान व विमोचन, द्वितीय सत्र में लघुकथा पाता और तृतीय सत्र में कविता एवं मुशायरा संपन्न हुआ। वरिष्ठ ग़ज़लकार आदरणीय तिलक राज कपूर जी ने स्वागत उद्बोधन दिया। आदरणीया विशाखा राजुरकर जी ने प्रथम सत्र यानी उद्घाटन व्याख्यान व विमोचन सत्र का सफल संचालन किया।
"बदलते सामाजिक राजनीतिक संदर्भों में हिंदी कहानी" विषय पर बोलते हुए प्रमुख कहानीकार और सत्र के मुख्य अतिथि आदरणीय मुकेश वर्मा जी ने अपने विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि वो लेखन जो आपके दिल को छू ले वही साहित्य है। ओबीओ भोपाल चैप्टर के संरक्षक, ओबीओ मुख्य पटल के टीम प्रबंधक और ओबीओ चित्र से काव्य तक छान्दोत्सव के मंच संचालक वरिष्ठ गीतकार आदरणीय सौरभ पांडे जी ने "गीतिकाव्य का पुनरुत्थान और छंदों की प्रासंगिकता" पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हम जब क्यों से कैसे की तरफ आये, तभी काव्य का व्याकरण और शिल्प आया, शिल्प यदि त्रुटिपूर्ण हो तो रचनाकार पाठक के साथ-साथ समाज को भी बिगाड़ देता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आदरणीय बद्र वास्ती जी ने "नई नज़्म एक अध्ययन" विषय पर बोलते हुए नज़्म विधा की व्याख्या विस्तार से की। उन्होंने बताया कि नज़्म ने भी और विधाओं की तरह नया लिबास पहना है। इसमें भी बहुत प्रयोग हो रहे हैं, जो बदलते समय के साथ आवश्यक भी है। विशिष्ट अतिथि व वरिष्ठ शायर आदरणीय डॉ अशोक गोयल जी ने "ग़ज़ल की शेरियत" पर बोलते हुए शे'र के कहन की बारीकियों से परिचय कराया। प्रथम सत्र ओबीओ भोपाल चैप्टर के कार्यकारी अध्यक्ष आदरणीय अशोक निर्मल जी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस सत्र के अंत में देश भर के साहित्यकारों जो ओबीओ के सदस्य हैं, की रचनाओं से पुस्तक "शब्द शिल्पी " (संपादक-मिथिलेश वामनकर) का विमोचन किया गया।
दूसरे सत्र लघुकथा पाठ किया गया और इस सत्र का सञ्चालन आदरणीया कल्पना भट्ट जी ने किया जिसमें आदरणीया नयना 'आरती' कानिटकरजी, आदरणीया कल्पना भट्टजी, आदरणीया शशि बंसल जी, आदरणीया अभिलाषा श्रीवास्तव जी, आदरणीया प्रियंका श्रीवास्तव जी, आदरणीय मनीष बादलजी, आदरणीया अंशु वर्माजी, और आदरणीय कपिल शास्त्रीजी ने लघुकथा का पाठ किया वहीँ आदरणीया अर्पणा शर्मा जी ने अपनी एक छंद मुक्त कविता का पाठ किया। इस सत्र की अध्यक्षता आदरणीय अशोक निर्मल ने की एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में आदरणीय अजय वर्मा जी और आदरणीय भुवनेश दशोत्तर जी उपस्थित थे जिन्होनें सत्र के अंत में लघुकथाओं पर अपने विचार व्यक्त किये।
तृतीय और अंतिम सत्र काव्य पाठ और मुशायरे का था जिसकी अध्यक्षता आदरणीय अशोक निर्मल ने की और मुख्य अतिथि के रूप में ओबीओ के नवीनतम सदस्य व वरिष्ठ ग़ज़लकार आदरणीय अशोक गोयल जी मंचासीन थे। यह सत्र ओबीओ के वरिष्ठ सदस्यों आदरणीय रवि शुक्ल जी और आदरणीय नीलेश नूर जी के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। लगभग चार घंटे चले इस सत्र में आदरणीय ऋषि श्रृंगारी जी, आदरणीय आबिद काज़मी जी, आ. रामराव वामनकर जी जैसे वरिष्ठ साहित्यकारों ने मंच सुशोभित किया।
इस सत्र में तीस से अधिक रचनाकारों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया जिनमें आ.गौरव गर्वित, आ.डॉ अशोक गोयल, गुना , आ.तिलक राज कपूर, आ.देवेश देव, आ.निलेश नूर, इंदौर, आ.प्रतिभा पाण्डे, रतलाम, आ.बलराम धाकड़, मिथिलेश वामनकर, आ.रवि शुक्ल, बीकानेर , आ.सीमा 'सुशी', आ.सौरभ पाण्डेय, आ.महेश अग्रवाल, आ.आबिद काज़मी, आ.ऋषि शृंगारी, आ.कमलेश नूर, आ.चरणजीत सिंह कुकरेजा, आ.डॉ किशन तिवारी, आ.डॉ मुबारक़ खान 'शाहीन', आ.डॉ राधेश्याम पनवरिया, आ.डॉ शरद यायावर, आ.डॉ सुधीर शर्मा, आ.दिनेश भदौरिया 'शेष', आ.प्रशांत दीक्षित, आ.प्रियेश गुप्ता, आ.प्रेम चंद गुप्त, आ.मनोरमा चोपड़ा 'मन्नू', आ.रामराव वामनकर, आ.लता स्वराञ्जलि, आ.शोएब अली खान, आ.संतोष खिरवड़कर, आ.अशोक व्यग्र, आ.प्रियंका श्रीवास्तव, आ.अशोक निर्मल जी आदि ने अपनी रचनाओं से कार्यक्रम को ऊंचाईयां प्रदान की। कार्यक्रम का सफल संचालन आदरणीय बलराम धाकड़ जी और आदरणीय देवेश देव जी ने किया।
अंत मे सभी अतिथि साहित्यकारों और ओबीओ सदस्यों आयोजन की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के लिए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
ध्यातव्य हैं कि देश भर के साहित्यकारों और ओबीओ के सदस्यों की रचनाओं का संकलन पुस्तक "शब्द शिल्पी " (संपादक-मिथिलेश वामनकर) में किया गया है। दो सौ पृष्ठ के इस संकलन में आलेख, कहानी, लघुकथा, पुस्तक समीक्षा, गीत-नवगीत, ग़ज़ल, कविता, छंद आदि विधाओं की रचनाएँ है। यह पुस्तक अमेजन (Amazon) पर उपलब्ध है जिसकी लिंक दी जा रही है-https://www.amazon.in/dp/B0C4K2HPRS
सुलभ सन्दर्भ हेतु "शब्द शिल्पी " का कवर पेज और अनुक्रमणिका दी जा रही है-
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ओबीओ की भोपाल-इकाई के सौजन्य से एक-दिवसीय साहियोत्सव के आयोजन पर विशद रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आ० मिथिलेश भाई. उक्त आयोजन का प्रतिफल अवश्य ही साकार होगा.
जो सदस्य भोपाल से बाहर से आये थे, उनके प्रति पुनः आभार.
शुभ-शुभ
इस प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.
ओ बी ओ का भोपाल साहित्योसव 2023 बहुत ही सफल रहा मेरी भोपाल के दोनो उत्सवाें में उपस्थिति रही । पुराने साथियो से पुनः मुलाकात हुइ नये साथी बने और पुनः मिलने के इरादे से सबसे विदा ली । साहित्य जगत में ओ बी ओ के योगदान को सबने अनुभव किया । और सभी ने इस मंच से जुडकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया । तीनाे ही सत्र अपनी अपनी पहचान बनाने में सफल रहे । कुछ साथियो की कमी को सदस्यों ने अनुभव किया किन्तु कोई न कोई विवशता रही होगी खैर अगले उत्सव में उनसे मुलाकात होगी । उत्सव की मधुर स्नमृतियाँ मानस में सदैव रहेंगी । ओ बी ओ की भोपाल इकाई को अनेकानेक साधुवाद इस आयोजन के लिये सभी का सहयोग सराहनीय था । कप्तान के रूप में आदरणीय मिथिलेश जी को आभार जो पूरी टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
//उत्सव की मधुर स्नमृतियाँ मानस में सदैव रहेंगी //
आमीन!
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