For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहा पंचक. . . करवाचौथ

दोहा पंचक. . . . करवाचौथ

चली सुहागन चाँद का, करने को दीदार ।
खैर सजन की चाँद से, माँगे बारम्बार ।।

सधवा ढूँढे चाँद को, विभावरी में आज ।
नहीं प्रतीक्षा का उसे, भाता यह अंदाज ।।

पावन करवा चौथ का, आया है त्योहार ।
सधवा देखे चाँद को, कर सोलह शृंगार ।।

अद्भुत करवा चौथ का, होता है त्योहार ।
निर्जल रह कर माँगती, अपने पति का प्यार ।।

भरा माँग में उम्र भर , रहे सदा सिन्दूर ।
हरदम दमके आँख में , सदा सजन का नूर ।।
 
सुशील सरना / 20-10-24

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 12

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Chetan Prakash 2 hours ago

 करवाचौथ पंचक, कदाचित पंचकों मे ही हुआ,  आदरणीय सरना साहब!

मेरी अल्प बुद्धि के अनुसार,  दोहे का आरंभ जगण (121) से होना नष्ट माना गया ह । और, बंधु, आपके 'पंचक' में उक्त  दोष का  दोहराव हुआ  है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . करवाचौथ
" करवाचौथ पंचक, कदाचित पंचकों मे ही हुआ,  आदरणीय सरना साहब! मेरी अल्प बुद्धि के…"
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . करवाचौथ

दोहा पंचक. . . . करवाचौथचली सुहागन चाँद का, करने को दीदार ।खैर सजन की चाँद से, माँगे बारम्बार…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। छंदो पर उपस्थिति , उत्साहवर्धन व स्नेह के लिए आभार। "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर , अभिवादन । हर बार आप मंच पर पोस्ट कर नदारत हो जाते हैं । यह कृपणता इसी कारण है। आपसे बेहतर…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160 in the group चित्र से काव्य तक
" हज़ारों दीप है बना लिए / दीप हज़ारों बना लिए हैं  ......इस तरह अधिक गेयता प्राप्त…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता अजेय जी सादर, प्रदत्त चित्र अनुसार आपने. दीपक के बनने से प्रज्ज्वलित होने तक की…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, प्रदत्त चित्र को पर अच्छे छंद रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करती सुन्दर रचना है आपकी. किन्तु इस…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, सुन्दर छंद प्रणयन हुआ,  बधाई  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, आपका अशेष आभार। "
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160 in the group चित्र से काव्य तक
"बंधुवर,  लावणी छंद में तुकांतता परस्पर दो पदों मे अपेक्षाकृत श्रेयस्कर मानी गई है।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160 in the group चित्र से काव्य तक
"बंधुवर,  उदाहरण योग्य  लावणी छंद प्रणयन हुआ है, और आप बधाई भी नहीं, इतना कृपण मत होइए!"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service