For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

साहित्य विहार में बहार देवनागरी

भीनी भीनी मीठी मीठी
मधुर सुगन्ध लिए
साहित्य विहार में बहार देवनागरी

बिखरी अनेकता को
एकता में जोड़ती है
तार तार से जुड़ी सितार  देवनागरी

नेताजी,पटेल,लाला
लाजपत राय  जैसे 
क्रान्तिकारियों की तलवार देवनागरी

तुलसी,कबीर,सूर,
रहीम,बिहारी,मीरा,
रसखान से फूलों का हार देवनागरी

Views: 597

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on July 9, 2012 at 8:08pm

आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय हरीश भट्ट जी......
विनम्र आभार

Comment by Harish Bhatt on July 4, 2012 at 3:01pm

आदरणीय अलबेला जी नमस्‍ते, माह का सक्रिय सदस्‍य चुने जाने पर हार्दिक बधाई.

Comment by Albela Khatri on July 4, 2012 at 2:22pm

बहुत बहुत धन्यवाद आपको और हम सबके संगम स्थल ओ बी ओ को.....सम्मान्य सुरेन्द्र कुमार शुक्ला भ्रमर जी, मन अभिभूत है आप सब के इस स्नेह के लिए........पता नहीं, मैं इस पुरस्कार के योग्य था या नहीं, परन्तु मिला है तो मन मधुबन खिला है अभी यात्रा पर हूँ.....आज जगदलपुर ( बस्तर ) से विजयवाड़ा जा रहा हूँ..........इसलिए ज़्यादा समय नहीं दे पा रहा हूँ..........इस बात का बहुत मलाल है . सचमुच, बहुत मिस कर रहा हूँ आप सब को............... :-(((((((((

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 2, 2012 at 11:00pm
आदरणीय अलबेला जी आप को हार्दिक  बधाइयाँ  महीने का सक्रीय सदस्य चुने जाने पर ..उम्मीद है ये कारवाँ हिंदी साहित्य का अपने चरम तक बढ़ता चलेगा और एक न एक दिन हिंदी ब्लागिंग और हिंदी साहित्य को भी अपना प्यारा मुकाम मिलेगा ....शुभ कामनाएं ..
.बिखरी अनेकता को 
एकता में जोड़ती है 
तार तार से जुड़ी सितार  देवनागरी ....जय श्री राधे 
भ्रमर ५ 
Comment by Albela Khatri on June 28, 2012 at 11:53am


आपका प्यार  सर आँखों पर कुमार गौरव अजीतेंदु जी
धन्यवाद
आभार !

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 28, 2012 at 11:28am
वाह वाह अलबेला भैया, कितने सुंदर शब्दोँ मेँ देवनागरी लिपि के सम्मान मेँ लिखा आपने। बधाई।
Comment by Albela Khatri on June 27, 2012 at 11:43pm

बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत बहुत शुक्रिया
उमाशंकर मिश्रा जी.......
आपकी टिपण्णी और आपका प्यार सर आँखों पर

____आभार

Comment by UMASHANKER MISHRA on June 27, 2012 at 11:03pm

जय हो जय हो अलबेला जी आपने इस छंद से मन ही हर लिया हिंदी के लिए आपका ये छंद हिंदी पढ़ने लिखने को उत्प्रेरित करेगा

बहुत उत्तम ....यज्ञ है ये ...

Comment by Albela Khatri on June 27, 2012 at 10:13pm

बहुत बहुत धन्यवाद राज तोमर  साहेब
बहुत बहुत शुक्रिया
____आभार

Comment by Raj Tomar on June 27, 2012 at 9:53pm

बहुत खूबसूरत रचना, बधाई हो सर जी. :)

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
8 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सीमा के हर कपाट को - (गजल)-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/२१२१/१२२१/२१२कानों से  देख  दुनिया  को  चुप्पी से बोलना आँखों को किसने सीखा है दिल से…See More
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
yesterday

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
yesterday

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service