For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सम्पूर्ण ओबीओ परिवार की ओर से आप सभी को शास्त्री/गाँधी जयन्ती की बधाई !

अमर 'शास्त्री'

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

छंद: कुकुभ

(प्रति पंक्ति ३० मात्रा, १६, १४ पर यति अंत में दो गुरु)  

'लाल बहादुर' लाल देश के, काम बड़े छोटी काया,

त्याग तपस्या और सादगी, आभूषण जो अपनाया,

एक रूपया वेतन लेकर, सबक त्याग का सिखलाया,

जय जवान औ जय किसान का, नारा इनसे ही पाया.

 

होनहार बचपन से ही थे, प्यार करें भगिनी भ्राता,  

निर्धनता में तैर-तैर कर, पार करें गंगा माता,

यद्यपि कुल कायस्थ जन्म है, सर्व धर्म शोभा पायी,    

काशी विद्यापीठ 'शाऽस्त्री', की उपाधि सबको भायी,    

 

प्रति सप्ताह एक दिन व्रत कर, था अकाल को निपटाया , 

युद्ध हुआ जब दुष्ट पाक को, पटका घर तक पहुँचाया,

संधि हेतु जब गए रूस को, हुई घात बिगड़ी काया,  

अमर हो गए ताशकंद में, हम सबका दिल भर आया

 

जन्मदिवस है आज आपका, इस पर शपथ अभी लेलें,

सारे मिलकर एक बनें औ, कभी आग से मत खेलें,

भेदभाव दुर्भाव भुला कर, विश्व बनाएँ अविनाशी,

कर्मयोग सब जन अपनाएँ, हों सच्चे भारतवासी,  

--अम्बरीष श्रीवास्तव  

   

Views: 1008

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 4, 2012 at 2:40pm

स्वागत है आदरणीय सौरभ जी ! सहभागिता हेतु सादर धन्यवाद !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 3, 2012 at 9:16pm

कुकुभ छंद में महामानव की आपकी श्रद्धांजलि में हम भी स्वयं को मुखरित पा रहे हैं, आदरणीय.  सादर बधाई

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 3, 2012 at 5:27pm

धन्यवाद आदरणीय प्रधान संपादक जी !  कुकुभ छंद की सराहना के लिए हार्दिक आभार


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 3, 2012 at 4:57pm

कुकुभ छंद में बहुत ही भावभीनी काव्यांजलि भेंट की है आपने देश के महान सपूत लाल बहादुर शास्त्री जी को. ऐसे सच्चे नायक बिरले ही पैदा  हुआ करते हैं. देश के इस लाल और आपकी इस काव्यांजलि को कोटिश: नमन.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 3, 2012 at 4:41pm

स्वागत है मित्र संजय जी ! बहुत बहत धन्यवाद !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 3, 2012 at 4:40pm

स्वागत है भाई  कुमार गौरव जी ! धन्यवाद अनुज ! अति सुन्दर विचार के लिए साधुवाद  ! सस्नेह

Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on October 3, 2012 at 11:48am

आदरणीय.
अम्बरीश जी..!!
"बेहद प्रशंसनीय प्रयास आपका.......सुन्दर रचना.बधाई.....!!!

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on October 3, 2012 at 8:01am

आदरणीय अग्रज अम्बरीश जी..........बेहद प्रशंसनीय प्रयास आपका.........दो अक्टूबर माननीय शास्त्री जी का भी जन्मदिवस है पर ये बात कहीं छूट सी जाती है.........उनकी उच्चविचार युक्त जीवन शैली आज के युवाओं के लिए अनुकरणीय है.......सुन्दर रचना........बधाई.........

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 3, 2012 at 6:40am

धन्यवाद आदरणीय मापतपुरी साहब ! हम सभी को इन पर गर्व है !

Comment by satish mapatpuri on October 3, 2012 at 1:44am

नमन है शास्त्री जी  की पुण्य स्मृति को .... नमन है आपकी ओजस्वी लेखनी को . बहुत सुन्दर और प्रेरक प्रसंग को आपकी लेखनी ने छंदबद्ध किया है .नत हूँ आदरणीय श्रीवास्तव साहेब .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service