For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साथियो !

"चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता" अंक-21 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है | इस प्रतियोगिता हेतु इस बार भी ज़रा अलग प्रकार अंदाज़ का चित्र प्रस्तुत किया जा रहा है। भारत जैसे देश में जहाँ लाखों लोग हर रोज़ भूखे सोते हों - जहाँ अन्न को देवता भी कहा जाता हो, उस देश में अन्न की ऐसी बर्बादी ? ऐसा दृश्य देख कर क्या हर देशभक्त भारतीय का ह्रदय खून के आँसू नहीं रोता ?  बहरहाल, अब आप सभी को इसका काव्यात्मक मर्म चित्रित करना है !

*चित्र गूगल से साभार

जहाँ भूख ही भूख हो, सड़ता वहाँ अनाज.

लगी फफूंदी तंत्र में, क्यों गरीब पर गाज..

तो आइये, उठा लें अपनी-अपनी लेखनी, और कर डालें इस चित्र का काव्यात्मक चित्रण, और हाँ.. आपको पुनः स्मरण करा दें कि ओ बी ओ प्रबंधन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यह प्रतियोगिता सिर्फ भारतीय छंदों पर ही आधारित होगी, कृपया इस प्रतियोगिता में दी गयी छंदबद्ध प्रविष्टियों से पूर्व सम्बंधित छंद के नाम व प्रकार का उल्लेख अवश्य करें | ऐसा न होने की दशा में वह प्रविष्टि ओबीओ प्रबंधन द्वारा अस्वीकार की जा सकती है | 

प्रतियोगिता के तीनों विजेताओं हेतु नकद पुरस्कार व प्रमाण पत्र की भी व्यवस्था की गयी है जिसका विवरण निम्नलिखित है :-

"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता हेतु कुल तीन पुरस्कार 
प्रथम पुरस्कार रूपये १००१ 
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company 

द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१ 
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company

तृतीय पुरस्कार रुपये २५१ 
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala
A leading publishing House


नोट :-
(1) १७ दिसंबर तक तारीख तक रिप्लाई बॉक्स बंद रहेगा, १८ से २० तारीख तक के लिए Reply Box रचना और टिप्पणी पोस्ट हेतु खुला रहेगा |

(2) जो साहित्यकार अपनी रचना को प्रतियोगिता से अलग रहते हुए पोस्ट करना चाहे उनका भी स्वागत है, अपनी रचना को "प्रतियोगिता से अलग" टिप्पणी के साथ पोस्ट करने की कृपा करें | 

सभी प्रतिभागियों से निवेदन है कि रचना छोटी एवं सारगर्भित हो, यानी घाव करे गंभीर वाली बात हो, रचना मात्र भारतीय छंदों की किसी भी विधा में प्रस्तुत की जा सकती है | हमेशा की तरह यहाँ भी ओबीओ के आधार नियम लागू रहेंगे तथा केवल अप्रकाशित एवं मौलिक कृतियां ही स्वीकार किये जायेगें | 

विशेष :-यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें| 

अति आवश्यक सूचना :- ओ बी ओ प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है कि "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-१९ , दिनांक १८ दिसंबर से २० दिसम्बर की मध्य रात्रि १२ बजे तक तीन दिनों तक चलेगी, जिसके अंतर्गत आयोजन की अवधि में प्रति सदस्य अधिकतम तीन पोस्ट अर्थात प्रति दिन एक पोस्ट दी जा सकेंगी, नियम विरुद्ध व निम्न स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये और बिना कोई पूर्व सूचना दिए प्रबंधन सदस्यों द्वारा अविलम्ब हटा दिया जायेगा, जिसके सम्बन्ध में किसी भी किस्म की सुनवाई नहीं की जायेगी |

मंच संचालक:
अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 13019

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

है अनमोल अनाज पर, बिखरा है चहुँ ओर.

पालीथिन काली मगर, काले दिल का जोर..

*****************************************

काली पालीथीन औ' काले दिल का जोड़

दिया चित्र में आपने ,और भला क्या छोड़ ?

//काली पालीथीन औ' काले दिल का जोड़

दिया चित्र में आपने ,और भला क्या छोड़ ?//

हम सब मात्र निमित्त हैं, सब कुछ करते ईश.

प्रभुवर की ही वंदना, चरण कमल में शीश..

 आदरणीय अनुज अम्बरीश आपको कोटि कोटि बधाई आपने हमारे मन की बात कह दी है 

 सभी दोहे लाजवाब हैं कहीं कहीं आपने जो छिपाकर व्यंग मारा है ....वाह वाह करने को  दिल चाहता है 

आपकी पक्तियाँ पढ़ मन गद गद हो जाता है 

आपको दिल से बधाई 

स्वागत है आदरणीय उमाशंकर जी,

आपका स्नेह पाकर हृदय गदगद हुआ ! हार्दिक आभार स्वीकारें आदरणीय ! सादर

जी भर सेवन कीजिये, रहें सदा आबाद.

जोरदार सेहत बने, लें मशरूमी स्वाद.. SWAD BHARE DOHE...

स्वागतम आदरणीय बागडे जी |

हार्दिक  आभार मित्र | जी भर के स्वाद लीजिए .....सादर

आदरणीय अम्बरीश जी एवं ओ बी ओ पर उपस्थित होने वाले मेरे सभी मित्रों! कुण्डलिया छंद में में मैंने अपने मन की पीर को व्यक्त करने की कोशिश की है आप सभी का आशीर्वाद मिलेगा इसका पूरा विश्वास है

आग जलाती पेट को चूल्हा बुझता जाय
बोरों सडे अनाज औ भूख हुई निरुपाय
भूख हुई निरुपाय मरा आँखों का पानी
संसद पगु बनाय रार नित नूतन ठानी
व्यथित बृजेश देख नित नेता गाते फाग
लोकतंत्र के बाग़ में रोज़ लगाते आग

एफ डी आई पर नए मचते रोज़ बवाल
सत्ता और विपक्ष की क्या शतरंजी चाल
क्या शतरंजी चाल चलें नित टेढे-टेढे
करते खूब धमाल बिना सींघो के मेढ़े
संसद में गर्मागर्मी तो खूब मचाई
वोटिंग पर पर निकली आखिर एफ डी आई

हक क्या उनको जो करें कोरा वादविवाद
मन में ठाने और कुछ व्यर्थ करें फरियाद
व्यर्थ करें फरियाद बहा घडियाली आंसू
जनता देख रही है इनके नाटक धांसू
इनकी चिकनी-चुपड़ी में हम फंसते नाहक
कितना पर अफ़सोस हमी इनके गुण-ग्राहक

श्रम किसान का इस तरह वृथा गर्त में जाय
दोषी कौन? दण्ड क्या? चर्चा हो न पाय
चर्चा हो न पाय, कि हंगामा जारी है
बचा न कोई उपाय बड़ी ही लाचारी है
सबके अपने स्वार्थ हैं सबके अपने भ्रम
हैं हताश जो कर रहे थे अब तक परिश्रम

डॉ बृजेश

बहुत सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय बृजेश जी... बहुत बहुत बधाई !

आदरणीय बृजेश सर कुण्डलिया छंद के द्वारा आपने अपने मन की व्यथा का इतना सुन्दर चित्रण किया है कि ह्रदय गद-2 हो गया बधाई स्वीकारें.

कुंडलिया सारी कहें, दिल की सारी पीर.

बुरी दशा है देश की, इस पर हों गंभीर.

इस पर हों गंभीर, सभी कुछ सत्य कहा है,

दागी क्या बेदाग़, देख संसार रहा है,

भरमाये मन रोज, दुष्ट यह पापी छलिया.

त्यागें अब निज स्वार्थ, यही कहती कुंडलिया..

आदरणीय ब्रजेश जी, सभी कुंडलिया त्वरित व सुंदर हैं. जिसके लिए बहुत-बहुत बधाई मित्रवर ....यदि इन्हें थोड़ा समय और मिल जाता तो ये मानक सदृश भी हो सकती थीं सादर |

डॉक्टर साहब, आपकी कुण्डलिया छंद प्रस्तुत चित्र की बढिया विवेचना कर रहे हैं. सही बात साझा हुई है कि अनाज हेतु मेहनतकशों को वाज़िब दाम मिले, उनका भंडारण और रखरखाव उचित हो और वितरण व्यवस्थित हो तो न एफ़डीआई के बवाल की आवश्यकता होगी, न ही भूख से बिलबिलाता एक बड़ा समाज हाशिये पर पड़ा दिखेगा.

छंदों में कथ्य का निर्वहन बहुत ही बढिया हुआ है, किन्तु शिल्पगत अनियमितताएँ जहाँ-तहाँ रह गयी हैं. आदरणीय अम्बरीषजी ने उनकी ओर इशारा भी कर दिया. आप तो, आदरणीय, स्वयं भी कुण्डलिया छंद के माहिर हो हैं. प्रतीत होता है कि प्रविष्टि हेतु हुई शीघ्रता के कारण कुछ शिल्पगत दोष रह गये हैं. आप की सुधी दृष्टि उन्हें अवश्य देख लेगी.

सादर

अनुमोदन के लिए धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी, हमें विश्वास है कि आदरणीय डॉक्टर साहब आप द्वारा किये गए इस संकेत पर अवश्य विचार करेंगें | सादर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपके पूर्वाग्रह-रहित, सहजता से दिए गए मूल्यवान सुझाव किसी भी सच्चे   रचनाकर्मी को अनुचित…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलकराज भाईजी, आपके संचालन में इस मुशायरे का पहली बार आयोजन हुआ है. इस आयोजन में जिस उदार…"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"हार्दिक आभार आदरणीय।"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय.. शुभ-शुभ"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"कभी-कभी परस्पर विश्वास में बात खुलकर रखने का साहस मिल जाता है और यहॉं जो सीखने-सिखाने की परंपरा रही…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गजेन्द्र भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए  आपको हार्दिक बधाईयाँ , गिरह खूब लगाई है , बधाई "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण भाई आपका हार्दिक आभार "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी रचनाधर्मिता ही नहीं, आपकी सदाशयता भी हमसभी के लिए अनुकरणीय…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका आभार , सलाह के अनुसार सुधार के लिए  प्रयास…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जु भाई , आपने सही पहचाना , आपका हार्दिक आभार "
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जो कुछ इस मंच से सीखा है, लिया है, उसका अंश मात्र भी लौटा सकूं तो स्वयं को धन्य मानूंगा आदरणीय। यह…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गुरप्रीत भाई , शारीरिक परेशानियों के चलते बहुत समय तक मंच से दूर रहा हूँ , अब फिर से प्रयास…"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service