आध्यात्मिक चिंतन
Dear Admin in-charge:
Hari ॐ.
A very interesting informative chat with Prachi ji yesterday
resulted in a suggestion that it would be beneficial to create
a new group for "आध्यात्मिक चिंतन"।
The aim of this exclusive group will be to provide a forum for
serious minded thinkers to share and receive thoughts on philosophic
and spiritual topics via written submissions, chats and live group-discussions.
This can also include discussion on works of philosophic nature that are
considered classics, e.g. Dostoevsky's Notes From the Underground,
Kafka's The Trial, etc., and even more important... works of Swami Vivekananda ji,
Eknath Iswaran, Shankracharya ji, Ayn Rand, and the writings on
Ramana Maharishi ji. Add to it the high-level thoughts in Shakespeare's,
Milton's, Thomas Hardy's and Wordsworth's works.... looks like there is no end to
the potential!
There appears to be so much wealth in it that we may be able to justify
a topic of the month, or even a topic of the week for interactive discussions.
I am sure that in the large member-base enjoyed by obo, there will be enough
members interested in this type of intellectual progression.
Kindly approve the inception of this new sub-group, and tell me or Prachi ji
what we need to do to proceed with it.
If approved, we can start it this month in February.
Thank you.
With regards,
Vijay Nikore
Tags:
यदि और सदस्य भी सकारात्मक मंतव्य दें तो "आध्यात्मिक चिंतन" समूह बनाया जा सकता है ।
आदरणीय सदस्यगण/मित्र:
भाग लेने के लिए केवल अभिरूचि ही काफ़ी है... यह आवश्यक नहीं कि इस
नवोदित समूह में हर किसी को चिंतन के विषय पर बहुत तैयारी करनी होगी
... कुछ लोग chat करेंगे, कुछ सुनेंगे, पर सभी इसका आनन्द लेंगे। यह भी नहीं कि
सभी सदस्यों को chat पर discussion के लिए आना होगा.. chat इस नए समूह का
केवल एक भाग होगा, अधिकतम विचार लेखन से होंगे, जो कोई भी कभी भी समय मिलने
पर पढ़ सकता है, और उस पर अपने विचार दे सकता है।
आदरणीया प्राची जी इस पर और बहुत कुछ कह सकती हैं, अत: उनसे विनम्र निवदन है
कि वह भी समय मिलने पर यहाँ अपने सुझाव दें कि इस नए समूह को कैसे शीघ्रताशीघ्र
आकार दिया जा सकता है। उनके सुझाव अमूल्य हैं।
आप यहाँ इसे पढ़ने पर कृप्या अपना interest level शीघ्र बताएँ। यदि हो सके तो हम
इसका अभी फ़रवरी में ही श्रीगणेश करना चाहेंगे।
सादर और सस्नेह,
विजय निकोर
आदरणीय सर,
सादर प्रणाम ! अध्यात्म से मेरा विशेष लगाव है..और यह मेल पढ़कर बहुत ख़ुशी हो रही है...की इसे चर्चा का विषय बनाया जायेगा जिस्से ज्ञान और बड़ेगा.इस चर्चा में मेरी उपस्थिति तय है...
धन्यवाद..
त्रुटी के लिए क्षमा....
आदरणीय विजय निकोरे जी .नमस्कार .आपका प्रस्ताव बहुत ही सुन्दर है .हमारे देश में आध्यात्मिक विचारों का अथाह खज़ाना है और अन्य देशों के महान विचारकों के विचार ,दर्शन जानने और समझने का सुअवसर प्राप्त होगा सभी लाभान्वित होंगे .समूह के शीघ्र श्रीगणेश की प्रतीक्षा रहेगी।
आदरणीय विजय निकोर जी,
सादर प्रणाम !
आपसे चर्चा करते हुए जो आध्यात्मिक चिंतन समूह के बनाए जाने की आवश्यकता सामने आयी और आपने उसे एक सुझाव के रूप में मंच पर सबके समक्ष रखा, इस सुझाव को मेरा तो शत प्रतिशत समर्थन है आदरणीय विजय जी, पर यह भी सही है की यदि और सदस्य भी सकारात्मक समर्थन देते हैं तो इसे तुरंत शुरू किया जाना चाहिए.
आध्यात्म एक सुपर साइंस है, जिसे सिर्फ तार्किकता से नहीं समझा जा सकता...ये इन सबके परे है.
यह जीवन जीने की ऐसी कला है, जो आज की विशमतम परिस्थितियों में भी जीवन को सरल बनाने की शक्ति रखती है.
अध्यात्म का अर्थ किसी चीज़ का त्याग करना या सांसारिकता से विमुख हो विरक्ति को अपनाना नहीं होता, बल्कि सांसारिकता को सच्चाई के नज़रिए से देखना, समझना, व सहजता के साथ जीना होता है.
और आज समाज की दिशा दशा व परिस्थितियों को देखते हुए, आध्यात्मिक चिंतन की आवश्यकता सर्वथा सामयिक है.
जीवन में मानवीय मूल्यों का ज्ञान जिस तरह लुप्त होता सा दिखता है, आज की शिक्षा जिस तरह खोखली हो चुकी है ( जो डिग्री और पैसा तो दे सकती है, पर खुशी और संतुष्टि नहीं ) ऐसे माहौल को समाज में पसरता देख यह समूह गठित करना एक सकारात्मक कदम होगा, न सिर्फ उनके हित में जो यहाँ चर्चाएँ करेंगे, पर सभी पाठकों के लिए भी.
निश्चय ही जो भी एक बार ऐसी चर्चाओं में आयेगा, वो शुभ चिंतन का कोइ न कोइ बीज अपने साथ ज़रूर ले कर जाएगा, और क्या जाने कौन सा शुभ बीज कब किसके ह्रदय में अंकुरित हो कर हरा भरा वृक्ष बन जाए और सबको अपनी शीतलता से लाभान्वित करे...
जैसा कि दामिनी प्रकरण के तहत हुई चर्चाओं में भी सामने आया कि " मूल्यों का क्षरण' ही सामाजिक पतन का सबसे बड़ा कारण है, तो आध्यात्मिक चिंतन इन मूल्यों को उनके महत्व के साथ हृदयों में पुनर्स्थापित करने के लिए एक छोटा परन्तु महत्वपूर्ण कदम ज़रूर साबित होगा, ऐसा मेरा विशवास है.
ओबीओ पटल पर ऐसे उन्नत विषयों पर समृद्ध परिचर्चाएं होंगी तो सबके ही हित में साबित होंगी और सबको आनंद और शान्ति भी प्रदान करेंगी.
आदरणीय एडमिन महोदय, यदि आप उचित समझें तो इस समूह के गठन की अनुमति अवश्य दें.
सादर.
डॉ. प्राची
Apko Naman Dr.Prachi ji.
आध्यात्मिक चिंतन
आध्यात्मिक चिंतन के विषय में ज्यादा तो नहीं जानती पर जानना चाहती हूँ हो सकता है मैं भी इस समूह से लाभान्वित होऊं हमें इस समूह का दिल से स्वागत करना चाहिए
Dear Vijay ji
It is realy a very nice idia,My request is that this fourm must be spritual only than to be religious one,
Regirds,
Raj kumar rohilla
Dear Raj Kumar ji:
Your reply is very precious for it brings out an important point. It resonates well with me.
Way too many distractions have been caused in the path of any progress by the strings and layers of religion enveloping spirituality.
I am saying this with respect for every religion that means well and stays honest to its beliefs.
In this new forum we will address thoughts from a spiritual angle, and keep religion aside, without hurting any ones's feelings and beliefs.
Regards, and thanks again for bringing up this point
Vijay Nikore
Dear Vijay ji,
Thanks for your understanding me and my words.Exactly you are rightly said.
" without hurting any ones's feelings and beliefs."
I personaly think that our this forum/group will certainly able to provide the dew drops to many thirsty souls.
As every one is longing for life's together and unable to find the way.your todays effort of sharing will spell Love,joy and peace in every one's life, who ever will be in touch with our group in which ever way may be..
May you,me and all the spritual seekar benefit from this torch,you are lighting today.
Grace of almighty may shower upon us.
I wish a very fruitfull journey to all the member of our group.
Regards
Raj Kumar Rohilla
Dear friends:
I wish you a good day.
Thus far in just a few hours of this discussion, we have received a very encouraging response to the idea of creating an आध्यात्मिक चिंतन sub-group. Thank you.
I would appreciate if more viewers could write their thoughts on it so we may all feel the pulse on this topic.
Regards,
Vijay Nikore
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