For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा : उत्तर की तलाश

एक मित्र ने पूछा, "तुम कब पैदा हुए थे ?"

"शायद तब जब लाल  बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री थे, नहीं शायद गुलजारी लाल नन्दा या इंदिरा में से कोई प्रधानमंत्री था," मैंने उत्तर दिया।

"तुम्हें इतना भी याद नहीं।"

"बच्चा था न- दुनियादारी, राजनीति, से दूर"

"अब क्या हो?"

"अब भी एक इंसान हूं-छल, कपट, राजनीति, माया-मोह में जकड़ा"

"मगर इंसान हो ?"

"हां"

"पर कैसे ? इंसानों के कौन से लक्षण हैं तुममें ?"

मैं चुप रहा, कुछ सोचा फिर उत्तर की जगह मैंने एक प्रश्न दाग दिया, "तुम क्या हो ?"

मित्र खामोश था । वह शायद जानता था कि आगे फिर मैं उसका अगला प्रश्न ही दोहराने वाला हूँ ।

एक सीधे प्रश्न के उत्तर की तलाश में हम देर तक एक दूसरे को देखते रहें |

आज भी उत्तर तलाश रहे हैं कि इंसानों के कौन से लक्षण हैं हममें ?

                                                                                       - बृजेश नीरज

Views: 605

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश नीरज on February 27, 2013 at 5:40pm

 Pawan Amba ji, Thanks for appreciation!

Comment by बृजेश नीरज on February 27, 2013 at 5:39pm

सतवीर जी, आपका आभार! आपकी हौसला अफज़ाई से लिखने का साहस बढ़ा!

Comment by सतवीर वर्मा 'बिरकाळी' on February 27, 2013 at 5:34pm
हम इंसान हैं पर इंसान नहीं है। आज मानव आकार रुप में तो इंसान के जैसा दिखता है पर उसके अन्दर जो मानवीय गुण और संवेदना होनी चाहिए वो नहीं है। आपके उत्तर की तलाश आज हर किसी को है पर मिल नहीं रहा। बहुत ही प्रभावपूर्ण रचना, धन्यवाद।
Comment by pawan amba on February 27, 2013 at 4:22pm

sach kahi......bahut sundar likha ....aapne 

Comment by बृजेश नीरज on February 27, 2013 at 9:37am

 Shubhranshu Pandey ji आपका आभार! 

Comment by Shubhranshu Pandey on February 27, 2013 at 12:05am

जो दिल ढ़ूढा आपनो मुझसे बुरा ना कोय...

एक सशक्त कहानी..

बधाई

Comment by बृजेश नीरज on February 25, 2013 at 11:16pm

आदरणीय सौरभ जी
आपका बहुत आभार! आपको रचना पसन्द आयी लेखन सार्थक हुआ।
सादर!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 25, 2013 at 10:31pm

एक अच्छी और सांकेतिक लघुकथा के लिए बधाई.. .

Comment by बृजेश नीरज on February 25, 2013 at 10:03pm

संदीप जी आपका बहुत धन्यवाद!

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on February 25, 2013 at 8:23pm

एक दम सच से सामना कराता है ये प्रश्न देखने सुनने में बड़ा सहज और सरल हो सकता है किन्तु इसका उत्तर बहुत ही जटिल .........बधाई हो आदरणीय

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाशजी  दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । छंद पर आपका प्रयास सराहनीय…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । खिल उठता है बुझा हुआ मन, आते जब…"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी चित्रानुकूल बहुत सुन्दर छंद सृजन। हार्दिक बधाई "
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह...दीपोत्सव के हर आयाम को समेट लिया है आपके इस गीत ने।अंतिम छंद का भाव बहुत सार्थक। हार्दिक बधाई…"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी एस टी का जिक्र रोचक बन पड़ा है। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । सरसी छंद की बीस पंक्तियों के लिए…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ हर बरस हर नगर में होता, अरबों का व्यापार।         …"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  ______ जगमग दीपों वाला उत्सव,उत्साहित बाजार। जेब सोच में पड़ी हुई है,कैसे पाऊँ…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"चार पदों का छंद अनोखा, और चरण हैं आठ  चौपाई औ’ दोहा की है, मिली जुली यह ठाठ  विषम…"
17 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * बम बन्दूकें और तमंचे, बिना छिड़े ही वार। आए  लेने  नन्हे-मुन्ने,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" प्रात: वंदन,  आदरणीय  !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service