परम आत्मीय स्वजन,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के 32 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का तरही मिसरा जनाब ज़िगर मुरादाबादी की गज़ल से लिया गया है |
"अब यहाँ आराम ही आराम है "
2122 2122 212
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
अवधि :- 26 फरवरी दिन मंगलवार से दिनांक 28 फरवरी दिन गुरूवार
अति आवश्यक सूचना :-
मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....
मंच संचालक
राणा प्रताप सिंह
(सदस्य, प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन
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बहुत सुन्दर प्रयास है रदीफ काफिया दुरुस्त है .. लय भी सधेगी ...
इस विधा की बारीकियों की जानकारी अभी नहीं है पर एक कोशिश की है. मार्गदर्शन की अपेक्षा के साथ प्रस्तुत कर रही हूँ ..........
ज़िन्दगी की ढल रही अब शाम है
बात होती यह सुबह औ शाम है .
टालते हर काम को हरदम रहे
पास मंजिल नहीं ये अंजाम है .
निभाएँ तहे दिल से वादे किए
इश्क का मिलता उसे ईनाम है.
पोंछ आँसू बाँट लें किसी का गम
दे ख़ुशी जीना इसी का नाम है .
गर्दिशों में साथ अपने जानिए
अब यहाँ आराम ही आराम है .
ज्योतिर्मनी जी, आप की रचना में कई मिसरा बहर में है,इसका मतलब आप जल्द ग़ज़ल सीख सकती हैं, आप कमसे कम ग़ज़ल की प्राथमिक जानकारियों को इसी साईट पर लगाये गये पाठों से जान लें उसके बाद ही ग़ज़ल कहिये ।
हो सकता है यह पोस्ट ग़ज़ल विधा में नहीं होने से मंच संचालक द्वारा हटा दी जाय ।
Er.Ganesh Jee ``Bagi`` ji आपके परामर्श के लिए हार्दिक आभार .यह जानते हुए भी कि इसमें त्रुटियों की भरमार है .यही सोचकर पोस्ट की थी कि सीखा जा सकता है या नहीं अपने प्रेरित किया है अवश्य कोशिश करूँगी .पोस्ट हट जाएगी सही बात है .
आदरणीया हम सभी सीख ही रहे है आप भी प्रयास करें, अवश्य आप निर्दोष ग़ज़ल कहियेगा ।
विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी ..उत्साह बढाने के लिए हार्दिक आभार.
कथन के दृष्टिकोण से तो ग़ज़ल में बहुत कुछ अच्छा और गंभीर है ज्योतिर्मयी जी पर रदीफ़ और काफिये की बात थोड़ी बहक गयी है
बहर भी .......पर मैं पूरे यकीन से कह सकती हूँ कि कुछ ही प्रयासों में यह सब आपके लिए बहुत आसान हो जाने वाला है ...हार्दिक शुभकामनाएं ... :-))
आ .सीमा जी .आपके यकीन पर यकीन है मुझे और मार्गदर्शन पर भी .बिना जाने कोशिश की अतः बहकना तो था ही पर आप का साथ और शुभकामनाओं के लिए बहुत -बहुत आभार ..
ज्योतिर्मयी जी ग़ज़ल की सहभागिता और प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आप बहुत जल्दी सीख जायेंगी ओ बी ओ पर ग़ज़ल कक्षा ज्वाइन कर लीजिए
राजेश कुमारी जी आपके सुझाव के लिए हार्दिक आभार .मार्गदर्शन देती रहें ..
सुन्दर प्रयास.आदरणीय 'बागी' जी की सलाह पर अमल करें शीघ्र ही आप मुकम्मल गजल लिखने लगेंगी. आपके इस प्रयास के लिए ढेरो बधाइयां.
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