For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जब हमने नहीं खोजा था सोना

तब कहीं नहीं था कोई अमीर या गरीब

 

सोने की खोज के साथ ही पैदा हुये गरीब

 

जब हमने नहीं किया था ईश्वर का आविष्कार

तब कहीं नहीं था कोई स्वर्ग या नर्क

 

ईश्वर की खोज के साथ ही पैदा हुआ नर्क

गरीबों में पैदा हुआ नर्क का डर और स्वर्ग का स्वप्न

 

जब हमने नहीं किया था धर्म का आविष्कार

तब कहीं नहीं था कोई पापी या पूण्यात्मा

 

धर्म की खोज के साथ ही पैदा हुये पापी

गरीबों में पैदा हुआ ये अंधविश्वास

कि पाप करने पर नर्क में जाना पड़ता है

 

इसी के साथ सारे के सारे अमीर

हमेशा हमेशा के लिए अमीर हो गये

और गरीब हमेशा हमेशा के लिए गरीब

(अनिश्चितता के सिद्धांत के अनुसार कुछ अपवादों को छोड़कर)

-----------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 641

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 6, 2013 at 10:14pm

बहुत सुन्दर चिंतन को सामने लाये हैं आ० धर्मेन्द्र जी 

सादर शुभकामनाएँ 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 6, 2013 at 11:22am

अपवाद बहुतायत में है धर्मेन्द्र जी, विचारणीय प्रश्न !  

Comment by Ashish Srivastava on September 6, 2013 at 11:12am

भाई जी बधाई स्वीकार करें एक सुन्दर रचना हेतु एवं  सामाजिक चितन के योग्य प्रश्न खडा करने के लिए 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 6, 2013 at 7:50am

आदरणीय धर्मेन्द्र जी , सामाजिक चितन के योग्य प्रश्न खडा कर दिया आपने !! बधाई !!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 6, 2013 at 1:20am

बहुत ही प्रभावशाली रचना, हार्दिक बधाई आदरणीय धर्मेन्द्र जी

Comment by Meena Pathak on September 5, 2013 at 11:53pm

सुन्दर, सटीक प्रस्तुति ... बधाई स्वीकारें

Comment by बृजेश नीरज on September 5, 2013 at 11:10pm

सोचना होगा! विचारणीय सिद्धान्त रखा आपने!
इस अभिव्यक्ति पर आपको हार्दिक बधाई!

Comment by ram shiromani pathak on September 5, 2013 at 8:41pm

बहुत  ही सटीक व्यंग किया है अपने आदरणीय ///हार्दिक बधाई आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. गुरप्रीत भाई. आपसे शिक़ायत यह है कि हमें आपकी ग़ज़लें पढ़ने को नहीं मिल रही…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. समर सर की इस्लाह से तक़ाबुल ए रदीफ़ दूर हो गया है.शेर अब यूँ पढ़ा जाए .कड़कना बर्क़ का चर्बा…"
1 hour ago
Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"वाह वाह वाह आदरणीय निलेश सर, बहुत समय बाद आपकी अपने अंदाज़ वाली ग़ज़ल पढ़ने को मिली। सारी ग़ज़ल…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. लक्ष्मण जी,वैसे तो आ. तिलकराज सर ने विस्तार से बातें लिखीं हैं फिर भी मैं थोड़ी गुस्ताखी करना…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"शुक्रिया आदरणीय लक्ष्मण धामी जी"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"बहुत शुक्रिया आदरणीय तिलकराज कपूर जी, मैं सुधारने की कोशिश करता हूँ।"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश जी फिलबदी है, कल आपकी ग़ज़ल में टिप्पणी के बाद लिखा है।"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,जल्दबाज़ी में मतले को परिवर्तित करने के चलते अभी संभावनाएं बन रही हैं कि समय के साथ…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. तिलकराज सर,आपकी विस्तृत टिप्पणी ने संबल मिला है.मैं स्वयं के अशआर को बहुत कड़ी परीक्षा से…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"श्रद्धेय श्री तिलक राज कपूर जी, आप नाचीज़ की ग़ज़ल तक  पहुँचे, आपका अतिशय आभार, …"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' ग़ज़ल तक आप आये और अपना बहुमूल्य समय दिया, आपका आभारी…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service