For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बबुआ बम्बई में बंगला बनवले बा,
बाबू माई के अपना बइलवले बा ।

टिप टाप बनके रहे दुनों रे परानी,
नया युग आइल मरल अखियां के पानी,
बबुआ दुधवो में दागी अब लगवले बा ।
बाबू माई के अपना बइलवले बा ।

सोरि आपन कटि गईल, भूलल मरियादा, 

चार पोथी पढ़ क बूझे अकलमंद जियादा,
बबुआ गेट प नाव माई क लिखवले बा,
बाबू माई के अपना बइलवले बा |

भूल गईल गाँव, बिसर गईल बोली,
देवाली, दसहरा, छठ अउरी होली,
बबुआ दारु संगे बइठकी लगवले बा,
बाबू माई के अपना बइलवले बा ।

जोरु उनुकर पहिरे जाने कइसन कपड़ा,
ना जाने साड़ी कुरती चुनरी भा घघरा,
बबुआ माथे प मेहर बइठवले बा,
बाबू माई के अपना बइलवले बा ।

(मौलिक व अप्रकाशित)
बइलाना = भगाना, सोरि=जड़, मरियादा=मर्यादा, मेहर=पत्नी

Views: 2231

Replies to This Discussion

अह्हाहा.. !!

आजके बबुआ लोगन के निकहा फोटो बनावत आ सोझा देखावत एह रचना खातिर बहुत्ते बधाई, गनेस भाई..  कतना जाना के ई रचना छन् दे लागी.. :-)))
बहुत सुन्दर

नमन आ. बागी साहेब...अब का कहल जाए...इतना बन्हिया ...सुनर सरस रचना...पढ़ी के मन गदगद हो गईल .........

.......कटाक्ष के कटाक्ष....रचना के रचना..........

भूल गईल गाँव, बिसर गईल बोली,
देवाली, दसहरा, छठ अउरी होली,
बबुआ दारु संगे बइठकी लगवले बा,
बाबू माई के अपना बइलवले बा ।..............बहुत बन्हिया...नमन 

भूल गईल गाँव, बिसर गईल बोली,
देवाली, दसहरा, छठ अउरी होली,
बबुआ दारु संगे बइठकी लगवले बा,
बाबू माई के अपना बइलवले बा ।......बहुते नीक लागल पढ़ि के | छठ महापर्व के बहुत बहुत बधाई रउआ के आ० बागी जी | सादर 

बागी जी के सामयिक कविता के पढिके मन गदगद हो गइल उ एतना मन के छूवलस की का कहीं। ओकरा के पढि के आज के समय में नवजवानन के मन के पूरा खुलासा हो जाता अउर यदि एकरा से कवनो बदलाव आवे त धनि भाग।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
18 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
19 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
19 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
19 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service