For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भँवरा हूँ ......
फूल दर फूल घूमना आदत मेरी
हर फूल को चूमना चाहत मेरी
फूल कहाँ पहचानते हैं मुझे
मेरे जैसे कई आते हैं हर रोज़ 
बिन बुलाये यहाँ !
मेरी तो फ़ितरत है
नये मन्ज़र ढूँढ़ना
रुक तो तभी पाऊंगा
जब किसी फूल के
ख़ूनी पंजों में जकड़ा जाऊंगा
वर्ना उड़ता उड़ता
बहुत दूर निकल जाऊंगा.........

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 547

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by maharshi tripathi on March 18, 2015 at 10:01pm

इस सुन्दर रचना पर आपको हार्दिक बधाई आ. Mohan Sethi 'इंतज़ार जी |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 18, 2015 at 9:40am

बहुत बहुत बधाई आदरणीय मोहन सेठी जी इस रचना के लिये

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on March 18, 2015 at 4:28am

आदरणीय ...आप सभी को हार्दिक आभार इस रचना को सराहने के लिये ...Er. Ganesh Jee "Bagi" जी गलती सुधार दी गई है धन्यवाद ...आप लोग ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहें तो साहस बना रहेगा !....सादर  


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 17, 2015 at 10:02pm

//रुक तो तभी पाऊंगा
जब किसी फूल के
ख़ूनी पंजों में जकड़ा जाऊंगा//

सुन्दर कविता, इस अभिव्यक्ति हेतु बधाई आदरणीय मोहन सेठी जी.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 17, 2015 at 9:47pm

बहुत सुन्दर !! आदरणीय मोहन भाई , हार्दिक बधाई ।

Comment by Hari Prakash Dubey on March 17, 2015 at 7:52pm

आदरणीय मोहन सेठी जी,  ,सुन्दर रचना ,बधाई प्रेषित ! सादर

 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 17, 2015 at 4:15pm

रुक तो तभी पायूँगा
जब किसी फूल के
ख़ूनी पंजों में जकड़ जाऊंगा
वर्ना उड़ता उड़ता
बहुत दूर निकल जाऊंगा.........---------------- अति सुन्दर  .आ० मोहन सेठी जी .सादर .

Comment by Shyam Narain Verma on March 17, 2015 at 3:26pm
सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये आपको बधाइयाँ ।
Comment by VIRENDER VEER MEHTA on March 17, 2015 at 3:20pm
आदरणीय इंतजारजी। सुन्दर रचना के लिये बधाई स्वीकारे।
Comment by Shyam Mathpal on March 17, 2015 at 12:08pm

Aadarniya Mohan sethi ji,

Kya baat hai. Kya baat hai.  sundar bhav....sundar rachna.. Dheron badhai.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
10 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
16 minutes ago
Tilak Raj Kapoor updated their profile
21 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
30 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
35 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
37 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
39 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
51 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
52 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
53 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
54 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
57 minutes ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service