For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय लघुकथा प्रेमियो,
सादर वन्दे।
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के पहले पाँचों संस्करण बेहद कामयाब सफल रहे। नए पुराने सभी लघुकथाकारों ने बहुत ही उत्साहपूर्वक इनमें सम्मिलित होकर इन्हें सफल बनाया। न केवल उच्च स्तरीय लघुकथाओं से ही हमारा साक्षात्कार हुआ बल्कि एक एक लघुकथा पर भरपूर चर्चा भी हुई। गुणीजनों ने न केवल रचनाकारों का भरपूर उत्साहवर्धन ही किया अपितु रचनाओं के गुण दोषों पर भी खुलकर अपने विचार प्रकट किए। पांचवें आयोजन में विषय अपेक्षाकृत कठिन था, किन्तु हमारे रचनाकारों ने दो दिनों में लगभग तीन दर्जन स्तरीय लघुकथाएं प्रस्तुत कर यह सिद्ध कर दिया कि ओबीओ लघुकथा स्कूल दिन प्रतिदिन तरक्की की नई मंजिलें छू रहा  है I यह कहना कोई अतिश्योक्ति न होगी कि यह सभी आयोजन लघुकथा विधा के क्षेत्र में मील के पत्थर साबित हुए हैं । तो साथियो, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रस्तुत है....
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 
विषय : "प्रत्युत्तर"
अवधि : 29-09-2015 से 30-09-2015 
(आयोजन की अवधि दो दिन अर्थात 29 सितम्बर 2015 दिन मंगलवार से 30 सितम्बर 2015 दिन बुधवार की समाप्ति तक)
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  29 सितम्बर 2015 दिन मंगलवार लगते ही खोल दिया जायेगा)
.
अति आवश्यक सूचना :-
१. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
२.सदस्यगण एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।
३. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
४. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
५. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
६. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
७.  नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
८. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है।
९. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं। रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें।
१०. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 20042

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आ० सौरभ जी ,आपका बहुत- बहुत शुक्रिया .जब तक ठोकर नहीं लगती तब तक इंसान नहीं समझता ...आगे देखिये हम कैसे संभल के चलते हैं :-०))))))

समय सब कुछ सिखला देता है, किसी की हंसी उड़ाने से पूर्व यह ज़रूर सोच लेना चाहिये| खूबसूरत सन्देश देती रचना हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीया राजेश कुमारी जी| कालखंड दोष के बारे में आदरणीय ओम प्रकाश जी सर ने जो कहा वो मेरे अनुसार भी मानने योग्य है| सादर, 

चंद्रेश कुमार जी ,आपका बहुत बहुत शुक्रिया ..आपकी बात बिलकुल सही है |

अच्छी लघुकथा आ. राजेश कुमारी जी , बधाई स्वीकार करें।

बहुत- बहुत शुक्रिया आ० नीरज शर्मा जी .

आ. राजेश कुमारी जी आपकी इस लघुकथा के लिए बधाई स्वीकार करे।

'क्रीम बनाम बेल्ट'

'"फिर एक नई क्रीम ?आठ सौ रूपये ii..."पति उसकी क्रीम उठाकर पढने लगे थे I

"लाइए ,अन्दर रखनी है "उसने हाथ बढाया I

"भई इन महँगी क्रीमों का हाँसिल क्या है? पति की जेब कटाई बस्स ,सही है ना?जवान दिखने की इतनी चाहत क्यों है  तुम औरतों में , अब उम्र है तो है ..क्यों ?

"अब दे दीजिये "'उसे अपने आप पर कोफ़्त हो रही थी कि लाते ही संभाल क्यों नहीं दी क्रीम I

",वैसे आजकल बेटी के साथ सेल्फी खूब डालती हो ,सहेलियां कहती होंगी  ..'वाऊ तुम दोनों तो बहने लगती हो '.."अब पति को कोंचने में मजा आ रहा था I

"बस बहुत हुई टांग खिंचाई ,अब बस करो " उसे समझ नहीं आ रहा था किक्या बोले I

"अरे सुनो तो , जहाँ तक हमारा सवाल है ,तो भई हमारे लिएतो तुम अब जैसी भी हो ठीक हो ..अब कोई रिटर्न  ऑफर तो होता नहीं है कि बदल के दूसरी ले लो क्यों ., अब गुस्सा मत हो जाना देखो ,चेहरा खराब हो जाता है "I

पति के तानों को फोन की घंटी ने विराम लगाया I

" देखो  तो कौन है "अपने मजे में व्यवधान पति को  अच्छा नहीं लग रहा था I

उसने फोन उठाया I बातें करते हुए उसके चेहरे के भाव धीरे धीरे बदल रहे थे I थोड़ी देर पहले का तनाव अब मुस्कान में बदल गया  था I

"कौन था ?बडा मजा आ  रहा था तुम्हे बातों में "I

"था 'नहीं' थी ' कोई' होम शॉपिंग वाली थी I आपने कोई  बेल्ट आर्डर की होगी जिसे कमर में बाँधने से बाहर निकला पेट एकदम कस जाता है ,अगल बगल के टायर भी नहीं दिखते और ..."

"अरे, वो तो ऐसे ही  लगा दिया था फोन एक दिन टीवी में देखकर "पति की आवाज़ से थोड़ी देर पहले का मज़ा गायब होने लगा था I

"ऐसे ही क्यों ? बिलकुल तीस साल जैसा कसा हुआ शरीर दिखता है इस बेल्ट को बाँध कर , ऐसा वो बता रही थी ,और वो भी मात्र पंद्रह हज़ार रूपयेI  कल पहुँच जाएगा पार्सल  I,वैसे मेरा तो काम बढ़ गया ना , अब बंटी के साथ साथ आप के लिए भी टी शर्ट्स खरीदनी होंगी  .. हैं ना  ?

उसकी आँखों की नटखट चमक और चेहरे पर खिंच आई चुलबुली मुस्कान में पढ़ लिए थे पति ने  अपने सारे कटाक्षों के जवाब ,और वो निरुत्तर था अब I

मौलिक व् अप्रकाशित 

हाहाहा .....ये कहानी पढ़कर एक पिक्चर की याद आ गई ...उसमे संजीव कुमार अपना पेट छुपाने के लिए बेल्ट लगता है तथा एक बार तो साँस रोकर ही खड़ा हो जाता है कोट के बटन टाईट करके बांधता है |बड़े चुटीले अंदाज में पति पत्नी की चुहलबाजी को खूब पेश किया प्रिय  प्रतिभा जी  बहुत- बहुत बधाई .

कथा पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार , जिस पिक्चर का आप जिक्र कर रही हैं ,वो शायद 'पति पत्नी और वो ' है .याद करिए 

जी हाँ वही.

"पति पत्नी और वोह" फिल्म का दृश्य है ये आ० राजेश कुमारी जी ! :)

जी ,आ० योगराज जी सही कहा ,बहुत मजेदार फिल्म थी |

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"सतरंगी दोहेः विमर्श रत विद्वान हैं, खूंटों बँधे सियार । पाल रहे वो नक्सली, गाँव, शहर लाचार…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई रामबली जी, सादर अभिवादन। सुंदर सीख देती उत्तम कुंडलियाँ हुई हैं। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Chetan Prakash commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"रामबली गुप्ता जी,शुभ प्रभात। कुण्डलिया छंद का आपका प्रयास कथ्य और शिल्प दोनों की दृष्टि से सराहनीय…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"बेटी (दोहे)****बेटी को  बेटी  रखो,  करके  इतना पुष्टभीतर पौरुष देखकर, डर जाये…"
6 hours ago
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार सुशील भाई जी"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार समर भाई साहब"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on सालिक गणवीर's blog post ग़ज़ल ..और कितना बता दे टालूँ मैं...
"बढियाँ ग़ज़ल का प्रयास हुआ है भाई जी हार्दिक बधाई लीजिये।"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करते तभी तुरंग से, आज गधे भी होड़
"दोहों पर बढियाँ प्रयास हुआ है भाई लक्ष्मण जी। बधाई लीजिये"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"गुण विषय को रेखांकित करते सभी सुंदर सुगढ़ दोहे हुए हैं भाई जी।हार्दिक बधाई लीजिये। ऐसों को अब क्या…"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ...)
"आदरणीय समर भाई साहब को समर्पित बहुत ही सुंदर ग़ज़ल लिखी है आपने भाई साहब।हार्दिक बधाई लीजिये।"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आहा क्या कहने भाई जी बढ़ते संबंध विच्छेदों पर सभी दोहे सुगढ़ और सुंदर हुए हैं। बधाई लीजिये।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"सादर अभिवादन।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service