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आदरणीय कल्पना भट्ट जी आप की मेरी रचना पर उपस्थिति और उस पर सारगर्भित टिप्पणी देने के लिए मैं आप का आभारी हूँ. कृपया स्नेहभाव बनाए रखे. पुनः शुक्रिया आप का .
वाह वाह वाह !!! झूठी तारीफ की शतरंजी चाल को अपनी चतुराई से शह-मात देना बहुत अच्छा लगा. दरअसल मीठे शब्दों के जाल में फंसाकर अपना उल्लू सीधा करने वाले अक्सर मिल ही जाते हैं, यह लघुकथा ऐसे चालबाजों से बचकर रहने का सन्देश भी देती है. लघुकथा बेहद नपे-तुले अंदाज़ में और विषय के अनुरूप कही गई है, जिस हेतु आपको ढेरों ढेर बधाई आ० ओमप्रकाश क्षत्रिय जी.
हार्दिक बधाई आदरणीय ओमप्रकाश जी!!बहुत सुंदर लघुकथा !क्या गज़ब की बिसात बिछायी है!विरोधी के सारे मोहरे उलट पलट कर दिये!बहुत बढिया!
आदरणीय तेज वीर जी आप का बहुतबहुत शुक्रिया. आप के आने से व लघुकथा पर अपनी टिपण्णी देने उर्जा का संचार हो जाता है. कारण आप भी धीरेधीरे लघुकथा में ऊँचाइयाँ छु रहे है. इसलिए यदि आप को लघुकथा अच्छी लगी यानि मेरी मेहनत सफल हो गई. आभार आप का.
आदरणीय योगराज प्रभाकर जी भाई साहब, सादर प्रणाम. आप की छाया जिस पर पड़ जाए और वह फलीभूत न हो, यह हो ही नहीं सकता है. यह आप के आशीर्वाद का ही पुण्य प्रताप है कि आप का मार्गदर्शन पा कर पत्थर भी हीरा हो जाता है. यह शायद आप के मार्गदर्शन प्रदान करने के तरीके का ही कमाल है कि इस मंच पर आ कर एक अनाड़ी रचनाकार भी धीरेधीरे अपने को तराशने लगता है. शायद यही वजह है कि हम सब आप के शार्गिद आप के नक़्शेकदमों पर चलने का प्रयास कर रहे है. जिस की वजह से हम में वह क्षमता आ रही है कि हम आप के अनुरूप लिख पा रहे है.
इस मंच के सभी आदरणीय सुधीजन हमें प्रेरित करते हुए मार्गदर्शन प्रदान करते है. जिस की वजह से यह मंच इतनी ऊँचाइयाँ छू रहा है. हम आशा करते है कि हुम सब आप से इसी तरह मार्गदर्शन प्राप्त कर एक दिन आप का दिया हुआ लक्ष्य हासिल कर लेंगे.
एक बार पुनः आप का हम सब साथियों की और से आप का तहेदिल से शुक्रिया.
बिलकुल सही कह रहे हैं आप कि सर जी का मार्गदर्शन पा कर पत्थर भी हीरा हो जाता है. __/\__/\__/\__
आदरणीय कांता जी सर जी ने आ सविता मिश्रा जी की लघुकथा में कमेंट करते हुए कहा कि इस आयोजन की पाच रचनाओं में आप को रचना भी होती. यानि इस आयोजन में अब तक चार उम्दा रचनाएं प्रस्तुत की जा चुकी है. मगर वे कौनसी है ? ये आदरणीय योगराज जी भाई साहब ही बता सकते है. सादर.
आदरणीय कांता रॉय जी मेरे कहे को मान देने व मेरी बात का समर्थन करने के लिए आप का हार्दिक आभार व शुक्रिया.
बेहद सुंदर आखरी चाल सब पर भारी|बधाई
आदरणीय सतविंदर कुमार जी आप की लघुकथा पर उपस्थिति और उस पर प्रतिक्रिया - यह मेरे लिए बहुत ही अमूल्य धरोहर है. आभार आप का इस स्नेहशीलता के लिए.
आदरणीय अर्चना त्रिपाठी जी आप की समीक्षात्मक टिपण्णी पढ़ कर अच्छा लगा. देर से ही सही आप की लघुकथा पर उपस्थिति और अपने मतांकन के लिए आप का हार्दिक आभार.
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