Tags:
Replies are closed for this discussion.
आदरणीय राजेन्द्र गौड़ जी, आपने सहज शब्दों में प्रदत्त शीर्षक को रुपायित कर दिया. एक सहज एवं अत्यंत सटीक प्रस्तुति केलिए हार्दिक शुभकामनाएँ
आदरणीय राजेंद्र कुमार गौर जी आपकी लघुकथा बहुत ही शानदार हुई है. कथोपकथन की सहजता और रवानी भा गई. आपको बहुत बहुत बधाई इस शानदार प्रस्तुति के लिए.
आरज़ू (संकल्प)
लोग शान से भव्य स्मारक के सामने तश्वीरें खिंचवा रहे हैं। यहाँ कोई धर्म,भेद-भाव और असहिष्णुता नज़र नहीं आती।
" तुम तो वर्षों से इन सबके गवाह हो। कैसा महसूस करते हो ?" निरन्तर प्रज्वलित अग्नि ने पूछा ।
" बहुत गर्व अनुभव करता हूँ । ये लोग मेरे भव्य रूप को देखने नहीं ,मुझमें समाये शहीदों को देखने आते हैं। मैं गवाह हूँ देश के लिए मर-मिटने का संकल्प लेने वालों की जज़्बों से भरी अनगिनत कहानियों का।"
" हाँ , मैं देख रही हूँ तुम्हारी, दरों-दीवारों पर उकेरे गए अनगिनत शहीदों के नाम।"अग्नि ने श्रद्धा से नतमस्तक होते हुए कहा।
"तुम भी तो निरन्तर प्रज्वलित रहती हो ?" स्मारक बोला।
" हाँ ,मैं भी उन वीरों के संकल्प से अभिभूत हूँ । स्वयं देश पर न्यौछावर होना? अपनी बाँकी ज़वानी को खून से रंग लेना? क्या हर किसी के वश की बात है। उनकी आहुति के सामने मेरी आहुति तो एक तुच्छ भेंट है।"
"देखो , उन दो बच्चों को - इनके परिवार की तीन पीढ़ियों की वीर गाथाएं मेरी छाती पर खुदी हैं।"
स्मारक और अमर ज़वान ज्योति ने वात्सल्य से उन दो नन्हें भाई-बहन को देखा जो आपस में लड़ रहे थे ।
" मैं देश के लिये मर- मिटूँगा .....नहीं मैं मर-मिटूँगी।"
मौलिक एवम् अप्रकाशित
एक पवित्र जज्बे को बहुत सुन्दरता से संकल्प विषय में ढाला है आ० जानकी जी I लघुकथा बहुत पसंद आई, हार्दिक बधाई स्वीकारें I
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |