For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुल्टा कौन – ( लघुकथा ) –

कुल्टा कौन –  (  लघुकथा  ) –

सीमा जब से ब्याह के आई थी,कभी भी उसकी सासुजी ने सीधे मुंह बात नहीं की!चलो कोई बात नहीं!यह तो सदियों से चली आ रही रिवाज़ का हिस्सा है!पर सीमा को जो बात अखरती थी ,वह थी सासुजी का बार बार उसे “क़ुल्टा” कह कर पुकारना!उसने एक दो बार सासूजी को समझाने का प्रयास भी किया,

"मॉ जी,आप यह शब्द बोलती हो,इसका अर्थ जानती हो,कोई बाहर वाला सुनेगा तो आप के परिवार  की ही बदनामी होगी"!

सासु जी ने फ़लस्वरूप ,सीमा का बाहर जाना भी बंद कर दिया!

सासुजी को अचानक अपने मायके जाना पडा!सासुजी की गैर हाज़िरी में सीमा को  अडोस पडोस से सासु जी के बारे में कुछ चौकाने वाली बातें पता चली!

सासुजी का लौटते ही, सीमा के साथ फ़िर वही व्यबहार शुरू!

"मॉ जी ,मुझे आपसे कुछ पूछना है"!

" अच्छा ,तेरी इतनी हिम्मत,  तू अब मुझसे सवाल जवाब करेगी"!

"मॉ जी, यह आपके ही भले की बात है"!

"ओहो, तू कब से मेरा भला सोचने लगी,भई वाह,चल पूछ"!

"मॉ जी ससुर जी ने आत्म हत्या क्यों की थी"!

इतना सुनते ही सासुजी आपे  से बाहर हो गयीं, अनाप शनाप बकते हुए, सब्जी काटने की छुरी लेकर सीमा के पीछे दौडी!सीमा भी पूरी तैयारी में थी!एक हल्के से झटके में सासुजी चारों खाने चित्त गिर गयीं!चीखने चिल्लाने लगीं!सारा मुहल्ला एकत्र हो गया!

"अम्मा जी,क्या हुआ,क्या हुआ"!

"अरे कुछ ना हुआ, तुम सब लोग जाओ अपने अपने घर, मेरा पैर फ़िसल गया था, ले बेटी सीमा मुझे थोडा सहारा दे"!

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 484

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on January 21, 2016 at 2:12pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी!

Comment by Nita Kasar on January 20, 2016 at 8:54pm
अन्याय करना गलत है तो सहना भी गलत है।सुंदर सार्थक संदेशप्रेरक कथा के लिये बधाई आद०तेजवीर सिंह जी ।
Comment by TEJ VEER SINGH on January 19, 2016 at 12:38pm

हार्दिक आभार अदरणीय लक्ष्मण धामी जी!

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 19, 2016 at 6:16am

बहुत खूब ...हार्दिक बधाई l

Comment by TEJ VEER SINGH on January 18, 2016 at 10:30pm

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी!

Comment by TEJ VEER SINGH on January 18, 2016 at 10:29pm

हार्दिक आभार आदरणीय फ़ूल सिंह जी!

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 18, 2016 at 10:26pm
मायने समझाते हुए सब उल्टा-पुल्टा हो गया। बहुत बढ़िया प्रस्तुति के लिए तहे दिल बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय तेज वीर सिंह जी।
Comment by PHOOL SINGH on January 18, 2016 at 2:37pm

अति सुंदर रचना आपको बहुत  बहुत बधाई स्वीकार हो

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service