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क्या कहने हैं भाई शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी, लघुकथा बाकमाल हुई हैI इस विधा में आपकी प्रगति देखकर मुग्ध हूँI इस प्रभावोत्पादक लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई प्रेषित हैI
वाह !क्या खूब कहा !एक अच्छी रचना के लिए बधाई स्वीकार करें आदरणीय शेख उस्मानी सर जी।
सटीक प्रतीक .कसा हुआ शिल्प और बढ़िया कथानाक , वाह , बधाई स्वीकारें इस रचना पर आदरणीय उस्मानी जी
जो कहा सुंदर ,जो अनकहा संदेश परक ,बधाई आदरणीय।
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