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आदरणीय आपकी तारीफ से जिम्मेदारी बढ़ गई । मुझे विश्वास है कि आपका सानिध्य मिलता रहेगा ।बहुत बहुत आभार ।
बहुत बहुत आभार आदरणीय राहिला जी ।
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय सुंदर समीक्षा हेतु ।पुनः आभार ।
आभारी हूँ आदरणीय सतविंदर कुमार जी ,सुन्दर समीक्षा एवं तारीफ हेतु ।
बहुत खूब आ० पवन जैन जीI
हौसला अफजाई हेतु आपके दो लफ्ज़ काफी हैं,परम आदरणीय ।आभारी हूँ ।
अमिट छाप छोड़ती लघु कथा हेतु बधाई स्वीकारें ।
आदरणीय अन्नपूर्णा जी बहुत बहुत आभार।
शुरू के दो तीन पक्तियां और कसावट की मांग करती हैं,
//बहू ने ऐसे तेवर दिखाए कि वह ज्यादा दिन न झेल सकी और कूच कर गई मुझे अकेला छोड़ कर//
कौन कूच कर गयी यह समझने के लिए दुबारा कथा पढ़नी पड़ी, बहुत बहुत बधाई आदरणीय पवन जैन जी इस प्रस्तुति पर.
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