For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हम मिथिला केर वासी छी
हम मिथिला केर वासी छी
अछि गौरव हमरा भाषा पर
कि हम मैथिली भाषी छी,
हम मिथिला केर वासी छी,

एहि पवित्र धरती पर लेलनि
जग-जननी सीता अवतार,
लोक-कंठ सं गूँजी रहल अछि
कवि विद्यापति के उदगार

पूजनीय छथि मिथिला वासी
एहि बातक विश्वासी छी,
हम मिथिला केर वासी छी

बाजव हमर ततेक मधुर अछि
सुनिते सब जन होथि प्रसन्न
उपजशील धरती एहि ठामक
उपजै अछि सब तरहक अन्न

माँछ, मखान, पान के प्रेमी
रस सं भरल विलासी छी,
हम मिथिला केर वासी छी

बांसक बनल वस्तु सब देखू
सींक, चंगेरी, सुपती, मौनी
कोकटी धोती, तन पर मिरजई
पाग माथ पर काँधे तौनी,

कला, साहित्य, संगीत, नीति के
हम ही सब प्रकाशी छी,
हम मिथिला केर वासी छी

एकरा पगतल के पखारि के
गंगा माता होथि प्रवाहित
आर अनेक नदी नाला सब
एहि धरती पर भेल समाहित

वैभव सं परिपूर्ण करै हित
प्रत्यनशील प्रयासी छी,
हम मिथिला केर वासी छी

एतय बहुत विद्वान भेला हे
कवि, गायक ओ नाटककार
सब तरहें संपन्न भेल अछि
आर बढ़त नित एकर निखार

सदिखन एकर नाम हो रोशन
सदा काल अभिलाषी छी,
हम मिथिला केर वासी छी

Views: 777

Replies to This Discussion

मनोज भईया बहुत ही सुंदर मैथिलि कविता लिखे है , मैं ४ साल मैथिलि भाषी क्षेत्र मे नौकरी किया हूँ ,इस दौरान मुझे मैथिलि का oneway ज्ञान हुआ है , यानी समझ लेता हूँ पर बोल नहीं पाता, आप से निवेदन हैं कि आप मैथिलि भाषी सदस्यों को OBO परिवार से जोड़े और OBO के मंच से मैथिलि के समृद्ध साहित्य को दुनिया के सामने ले आवे, अहा के बहुत बहुत धन्यवाद छी ,
मनोज जी , मोन आनंदित कय देलक, आहाक ई रचना | बहुत - बहुत धन्यवाद और शुभ कामना | - अभय........
sir ji khubsurat rachana

अहाँक ई रचना कहबाक नै, मोन टा मुग्ध कए देलक..

निम्नांकित ई दुइ बंद विशेष रुचगर प्रतीत भेल -

//बाजव हमर ततेक मधुर अछि
सुनिते सब जन होथि प्रसन्न
उपजशील धरती एहि ठामक
उपजै अछि सब तरहक अन्न

माँछ, मखान, पान के प्रेमी
रस सं भरल विलासी छी,
हम मिथिला केर वासी छी

बांसक बनल वस्तु सब देखू
सींक, चंगेरी, सुपती, मौनी
कोकटी धोती, तन पर मिरजई
पाग माथ पर काँधे तौनी,

कला, साहित्य, संगीत, नीति के
हम ही सब प्रकाशी छी,
हम मिथिला केर वासी छी//

 

भाईजी, एह उत्कृष्ट रचना पर हम्मर दृष्टि विलंब सँ पड़ि रहल अछि  तकरा लेल हम अहाँ सँ क्षमा-याचना कर रहल छी.

पुनर्पुनः बधाई..

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
25 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Saturday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service