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जिजीविषा (लघुकथा)

“छह महीने होने आए, डॉक्टर साहब माई की सेहत में कोई खास अंतर तो दिख नही रहा!”
आश्रम के संचालक ने अपने आश्रम के नियमित डॉक्टर से चिंता बांटी, जो अभी अभी सब मरीज़ों का रुटीन चेकअप करके आश्रम स्थित छोटे से कमरे में आकर बैठें थे जो कि उनका आश्रम में क्लिनिक था।
“हाँ, विलास बाबू! है तो चिंता की बात, इतनी ऊँचाई से गिरी थी और उम्र भी है,आप खुद ही सोचिए।” डॉक्टर साहब में गोल-गोल शब्दों में स्पष्ट किया।
“हाँ आपने कहा तो था शहर ले जाने को, पर क्या करें हमारी विवशता है। वो तो आपका सहारा है जो इन दुखियरियों को इलाज नसीब हो रहा है।” विलास बाबू ने कृतज्ञता जताते हुए कहा।
“पर माई मन से मज़बूत हैं ये मानना होगा! आज अपनी गाय का हाल चाल पूछ रही थी। अपने से ज्यादा गाय की चिंता है उनको।” डॉक्टर ने मुस्कुरा कर कहा तो विलास बाबू भी मुस्कुरा उठे।

तभी बाहर से एक कर्मचारी ने सूचना दी। “भैया जी! श्यामा रम्भा रही है। हम पानी गर्म करवाने को कह आए हैं। किसी भी बखत ब्या जाएगी!”
“श्यामा वही गाय है न जिसकी देखभाल माई किया करती थी?” डॉक्टर साहब ने पूछा।
“अरे! भैया जी, देखिए गज्जब!" बाहर से हर्षमिश्रित चिल्लाने का स्वर सुनाई दिया।
दोनो बाहर निकल कर आए तो उन्हें अपनी आँखों पर विश्वास न हुआ। जिस लकड़ी के वॉकर को छह माह से माई हाथ लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी, उस पर पुराने कपड़े टांगकर धीरे-धीरे टिकती हुई पशुशाला की ओर बढ़ी चली जा रही थी।
“सुनो, सुनो! पहली बार ब्याएगी, ज़रा सा गुड़ खिलाना है श्यामा को!” बूढ़े कांपते स्वर में अपार ममता थी।


मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 25, 2017 at 7:37pm
इस सूंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 23, 2017 at 8:41pm

badhiyaa prastuti . 

Comment by नाथ सोनांचली on May 22, 2017 at 1:42pm
आदरणीया सीमा जी सादर अभिवादन, बेहतरीन और प्रेरणादायक कथानक पर लिखी गई लघुकथा । बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sudhir Dwivedi on May 21, 2017 at 9:39pm
बहुत सुंदर कथा। वाकई इनसान की जिजीविषा ही तो है, जो उससे दुरूह काम भी करने का वायस बनती है।
Comment by Seema Singh on May 21, 2017 at 6:09pm
शुक्रिया आ०Mohammed Arif जी।
Comment by Mohammed Arif on May 21, 2017 at 1:26pm
आदरणीया सीमा जी आदाब, बेहतरीन और प्रेरणादायक कथानक पर लिखी गई लघुकथा । बधाई स्वीकार करें ।

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