आदरणीय साथिओ,
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आदरणीय मुजफ्फर इक़बाल सिद्दीकी जी , लघु-कथा को पसंद करने के लिए बहुत बहुत आभार ईवा हार्दिक धन्यवाद , सादर।
बढिया कथा, आपने एक नया दृष्टिकोण दिखाया हैं धार्मिक आस्थाओं पर ,वह भी साकारत्मक, हार्दिक बधाई आपको आ. डॉ. विजय शंकर जी
आदरणीय सुश्री अर्चना त्रिपाठी जी , लघु-कथा को पसंद करने और उसकी सार्थक विवेचना के लिए बहुत बहुत आभार एवं हार्दिक धन्यवाद , सादर।
बहुत बढ़िया लघुकथा विषय पर ,बधाई आपको आदरणीय डॉ.विजय जी ,सादर
हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ विजय शंकर जी। बहुत अच्छी लघुकथा।
आदरणीय तेजवीर सिंह जी , आपकी उत्साहवर्धक बधाई के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आदरणीय सुश्री बरखा शुक्ला जी , आपकी उत्साहवर्धक बधाई के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आदरणीय सुश्री बरखा शुक्ला जी , आपकी उत्साहवर्धक बधाई के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।
धार्मिक यात्रायें हमेशा से आस्था और अंधविश्वास के बीच खड़ी नजर आती रही है समाज में, आपकी कथा में सुंदरढंग से इस बात को दिखाने का प्रयास किया गया..... बढ़िया प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय विजय शंकर जी ....
आदरणीय वीरेंद्र वीर जी , आपकी उत्साहवर्धक बधाई के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आदरणीया अर्चना त्रिपाठी जी , सुन्दर लघुकथा की प्रस्तुति के लिए बधाई ।
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