For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल बह्र -फऊलुन -फऊलुन -फऊलुन -फऊलुन

ज़माने को मेरी ज़रूरत नहीं है
मुझे  तो किसी से शिकायत नहीं है ।
.
अकेले में रहने की आदत है मुझको
किसी से भी मेरी अदावत नहीं है ।
.

नई पीढ़ी का ये चलन आज देखो
ज़रा सी भी इनमें लियाक़त नहीं है ।
.

है कितना यहाँ झूट महफ़ूज़ यारो
कि सच्चों की कोई अदालत नहीं है ।

.

सरे आम लुटती है इज़्ज़त यहाँ पर
किसी की यहाँ अब हिफ़ाज़त नहीं है ।

.

लगा मुझको झूटों के बाज़ार में यूँ
कि सच बोलने की इजाज़त नहीं है ।

.

मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 822

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on September 12, 2018 at 11:22am

आपकी गज़ल लाजवाब लगी, मित्र मोहम्मद आरिफ़ जी। बधाई।

Comment by Mohammed Arif on September 9, 2018 at 1:59pm

हार्दिक आभार आदरणीय नवीनमणि जी ।

Comment by Mohammed Arif on September 9, 2018 at 1:58pm

हार्दिक आभार आदरणीय आमोद जी .

Comment by Mohammed Arif on September 9, 2018 at 1:57pm

बहुत-बहुत शुक्रिया आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब । आपका हुक्म सर आँखों पर । संशोधन कर लिया है ।

Comment by Mohammed Arif on September 9, 2018 at 1:56pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी ।

Comment by Mohammed Arif on September 9, 2018 at 1:54pm

हार्दिक आभार आदरणीय विनय कुमार जी ।

Comment by Mohammed Arif on September 9, 2018 at 1:53pm

हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ।

Comment by Mohammed Arif on September 9, 2018 at 1:52pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी ।

Comment by Mohammed Arif on September 9, 2018 at 1:51pm

हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on September 7, 2018 at 4:53pm

जनाब आरिफ साहब बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है । हार्दिक मुबारकवाद ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
6 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
7 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
8 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
8 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
9 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
10 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
25 minutes ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
2 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service