For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता- हिन्दी है मेरी धड़कन


देश की धड़कन
वाणी का यौवन
संवाद का आँगन
हिंदी है मेरा तन-मन
अपनों से रखती है लगाव
भरती दिलों के घाव
मिटाती है अलगाव
हिंदी में है मेरा झुकाव
सबकी ज़रूरत
दिलों की हसरत
मिटाती नफ़रत
हिंदी है मेरी वकालत
शब्दों का हल
खुशियों का हर पल
सरस कलकल छलछल
हिंदी है मेरा आत्मबल
भारत की है शान
संपर्क की पहचान
सरगम की तान
हिंदी है मेरा स्वाभिमान
भेदभाव भी सहती है
मगर सच को सच कहती है
दिलों में रहती है
हिंदी मेरी हरदम खुश रहती है
तुझमें है चारों धाम
देती क़ुरआँ का पैग़ाम
नहीं लेती विराम
हिंदी है मेरा मुकाम
भाषाओं की बंदगी
शब्दों की ज़िंदगी
गीतों की है ताज़गी
हिंदी है मेरी आशिक़ी
जग में है मशहूर
निर्मल और बेक़सूर
नहीं है मग़रूर
हिंदी है मेरा सुरूर
'नीरज' का गीत
'रहमान'का संगीत
बदलाव की रीत
हिंदी से है मेरी प्रीत
भाषाओं में ख़ास
सुंदर अहसास
नहीं बनाती दास
हिंदी रहती मेरे दिल के पास
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 598

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on September 27, 2018 at 11:35am

हिन्दी के प्रति इतनी सुन्दर रचना के लिए बधाई, भाई मोहम्मद आरिफ़ जी

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 18, 2018 at 8:58am

वाह वाह आदरणीय आरिफ जी..खूब हिंदी की महिमा का बखान किया है...

Comment by नाथ सोनांचली on September 14, 2018 at 6:57pm

आद0 मोहम्मद आरिफ जी सादर अभिवादन। हिंदी दिवस को समर्पित सार्थक रचना। बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर। सादर

Comment by Samar kabeer on September 14, 2018 at 2:47pm

जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,हिन्दी दिवस पर हिन्दी को समर्पित अच्छी कविता हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

हिंदी है मेरी हिमाकत'

इस पंक्ति में 'हिमाक़त' शब्द ग़लत ले लिया आपने,"हिमाक़त" का अर्थ है "मूर्खता" इसे बदलने का प्रयास करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on September 14, 2018 at 11:13am

हार्दिक बधाई आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहब जी। आदाब। हिंदी दिवस के पावन अवसर पर मातृ भाषा हिंदी को प्रोत्साहन देती सुंदर रचना।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
3 minutes ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service