For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक मुश्किल बह्र,"बह्र-ए-वाफ़िर मुरब्बा सालिम" में एक ग़ज़ल

अरकान:-12112 12112

न छाँव कहीं,न कोई शजर

बहुत है कठिन,वफ़ा की डगर

अजीब रहा, नसीब मेरा

रुका न कभी,ग़मों का सफ़र

तलाश किया, जहाँ में बहुत

कहीं न मिला, वफ़ा का गुहर

तमाम हुआ, फ़सान: मेरा

अँधेरा छटा, हुई जो सहर

ग़मों के सभी, असीर यहाँ

किसी को नहीं, किसी की ख़बर

बहुत ये हमें, मलाल रहा

न सीख सके, ग़ज़ल का हुनर

हबीब अगर, क़रीब न हो

अज़ाब लगे, हयात "समर"

"समर कबीर"

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 2028

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on July 30, 2019 at 2:16pm

जनाब रवि शुक्ला जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on July 30, 2019 at 2:15pm

जनाब बासुदेव जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on July 30, 2019 at 2:13pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on July 30, 2019 at 11:43am

जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on July 30, 2019 at 11:41am

जनाब शैख़ ज़ुबैर जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on July 13, 2019 at 1:00pm

आ0 कबीर सर सादर नमन ।  इतनी मुश्किल बह्र पर ग़ज़ल कहना बड़ी बात है । हर शेर लाजवाब लिखा गया है । तहेदिल से आपको बहुत बहुत बधाई सर ।

Comment by Shaikh Zubair on July 12, 2019 at 11:49pm
वाह, बहुत ख़ूब, मोहतरम समर कबीर सर पढ़ कर दिल ख़श हो गया
Comment by Samar kabeer on July 11, 2019 at 11:13pm

जनाब अजय तिवारी साहिब आदाब,आप ग़ज़ल तक आए, ग़ज़ल को पसंद किया मेरा लिखना सार्थक हो गया ।

आपने सहीह फ़रमाया इस अरबी अड़ियल घोड़े को क़ाबू करने में बहुत लुत्फ़ हासिल हुआ,औऱ फ़ितरतन में मुश्किल पसंद वाक़ै हुआ हूँ,पुनः धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on July 11, 2019 at 11:04pm

अज़ीज़म पंकज कुमार मिश्रा आदाब,ख़ुश रहो, सलामत रहो ।

Comment by Samar kabeer on July 11, 2019 at 11:03pm

जनाब गिरिराज भण्डारी जी आदाब,बहुत समय बाद अपनी ग़ज़ल पर आपकी टिप्पणी पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका आभारी हूँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service