For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ऐ मेरे दोस्त मोहब्बत को बचाए रखना   - सलीम 'रज़ा' रीवा

ऐ मेरे दोस्त मोहब्बत को बचाए रखना  

दिल में ईमान की शम्अ' को जलाए  रखना

-  

इस नए साल में खुशियों का चमन खिल जाए

सबको मनचाही  मुरादों का सिला मिल जाए

इस नए साल में खुशियों की हो बारिश घर घर

इस नए साल को ख़ुश रंग बनाए रखना

-

जान पुरखों ने लुटाई है वतन की ख़ातिर

गोलियाँ सीने में खाई है वतन की ख़ातिर

सारे धर्मों से ही ताक़त  है वतन  की मेरे

सारे धर्मों की मोहब्बत को बनाए रखना

-  

ज़ात के नाम पे दंगों को कराने वालो

बाज़ आ जाओ मोहब्बत को मिटाने वालो

धर्म के नाम पे यूँ आग लगाने वालो

ख़ुद के दामन को भी जलने से बचाए रखना

-

क्यूँ मिटाने में लगे हो ये चमन की ख़ुश्बू

ख़ून से सींचा तो पाई है वतन की ख़ुश्बू

हर तरफ जलने लगा है ये वतन का आंचल

लाज इस मां की मेरे यार बचाए रखना

-

सारी दुनियां में मोहब्बत की ज़बाँ हो जाए

सारी दुनियां में ख़ुशी अम्न-ओ-अमाँ हो जाए

भूल कर भी न कोई भूल हो हरगिज़ हमसे

हम पे भी नज़रे करम अपनी बनाए रखना

-

दिल से नफ़रत की दीवारों को गिराना होगा

दोस्त बनकर के गले सबको लगाना होगा

जिसकी ख़ुश्बू से महक जाए सभी का आँगन

ऐसे फूलों को भी गुलशन में  लगाए रखना

-----------------------------

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 493

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष यादव on January 2, 2020 at 10:06pm

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है। अनेकता मे एकता कायम रखना ही हमारा धर्म होना चाहिए। बहुत बहुत बधाई।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 28, 2019 at 5:37am

आ. भाई सलीम रजा जी, सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"   आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को सार्थकता प्रदान करती प्रतिक्रिया के…"
17 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, नाश सृष्टि का इस करना/ इस सृष्टि का नाश करना/...गेयता के लिए…"
18 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"  आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को प्रदत्त विषयानुरूप पाने के लिए आपका…"
21 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"क्या ही कथ्य, क्या ही तथ्य और क्या ही प्रवाह .. वाह वाह वाह ..  आदरणीय अशोक भाईजी, आपने…"
57 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"युद्ध की विभीषिका की चेतावनी देती उत्तम रचना हुई आ॰ अशोक जी। सभी भाव पसंद आए।"
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय। परिवर्तित मतला और शेर भी बहुत प्रभावी बन पड़ा है। मंच को लाभान्वित करने…"
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"अच्छे दोहे हुए हैं लक्ष्मण भाई। सार्थक और विषयानुकूल। बहुत बढ़िया "
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"धन्यवाद आदरणीय अशोक जी "
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आभार गिरिराज जी "
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ जी "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सुशील सरनाजी, यदि आप चर्चा की गंभीरता को वाकई समझ रहे हैं तो यह अवश्य ही उचित है, कि संवादो…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई। 'नाश सृष्टि का…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service