For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रतीक्षा

आँधी में पेड़ों से पत्तों का गिरना

पेड़ों की शाख़ों के टूटे हुए खण्ड गिनना

उड़ते बिखरे पत्तों से आंगन भर जाना

यह नज़ारा कोई नया नहीं है

फिर भी लगता है हर आँधी के बाद

नदियों पार “हमारे” उस पुल को चूमकर  आई

यह आँधी मुझसे कुछ बोल गई

गिरे पत्तों की पीड़ा मुझमें कुछ घोल गई

हर आँधी की पहचान अलग, फैलाव नया-सा

कि जैसे अब की आँधी में नि:संदेह

कुलबुलाहट नई है, कोलाहल कुछ और है

मेरी ही गलती है हर गति को सह लेता हूँ

जानता हूँ काला फैलाव है दूरियों का सिर पर

आँधी के कोलाहल की बेचैनी में भी है भीतर

फैल रहा हर "कमरे" में सुनसान गहरा

गूँजती वेदना पर है मानों चेतना का पहरा

कराहती रहती हैं कई अधभूली अनकही बातें

सिकुड़ती उमीद में भी है पल रहा भोला विश्वास

आओगी तुम इक दिन ओढ़े अपनी वही हँसी

हवा में किलकारियाँ भरती, आँचल फैलाए

भटकती रहेंगी इसी इन्तज़ार में मेरी आँखें

एक  और सवेरा होने तक तुम्हारी राह तकते

पत्ते इतने कि विस्तृत धुँध में झुरमुट तले

मटमैली शाम या रात पता न चले

आंगन में पत्ते कहाँ हैं, गड्ढे कहाँ हैं, रास्ता कहाँ है

खलबली के बावजूद भी किसी भी आँधी में

इसीलिए मैं द्वार बंद नहीं करता

अपने "सुनसान" में बैठा राह तकता हूँ

ऐसा न हो कि ज़माने की तरह तुम भी

वापस लौट आने का

रास्ता न पहचान पाओ

          ---------

.

-- विजय निकोर

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 420

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on January 29, 2020 at 1:54pm

सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, प्रिय भाई समर कबीअर जी

Comment by Samar kabeer on January 28, 2020 at 2:40pm

प्रिय भाई जनाब विजय निकोर जी आदाब,हमेशा की तरह एक उम्द: रचना से नवाज़ा है आपने मंच को,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by vijay nikore on January 19, 2020 at 6:18am

सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार, मित्र लक्ष्मण जी।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 17, 2020 at 12:29pm

आ. भाई विजय निकोर जी, सादर अभिवादन । बहुत अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई स्वीकारें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
6 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
10 hours ago
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service