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नादिर ख़ान's Discussions (1,552)

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"आदरणीय मिथिलेश जी हमेशा की तरह प्रथम, हर बार की तरह शानदार रचना वाह भई  वाह छा गए आप…"

नादिर ख़ान replied Nov 13, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-61

567 Nov 14, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"१.घर और घर में अंतर होता हैएक के आगे जले पटाखों का ढेर सारा कूड़ा दूसरे के आगे महज़ बज…"

नादिर ख़ान replied Nov 13, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-61

567 Nov 14, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"है दिवाली हम मनायें प्यार का उत्सव संग सबके खिलखिलायें हो बड़ा उत्सव   मौका है दस्तूर…"

नादिर ख़ान replied Nov 13, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-61

567 Nov 14, 2015
Reply by Saurabh Pandey

सदस्य टीम प्रबंधन

"आदरणीय सौरभ सर प्रथम अंतरराष्ट्रीय ग़ज़ल संगोष्ठी का जीवन्त वर्णन आपके माध्यम से पढ़ने…"

नादिर ख़ान replied Nov 5, 2015 to प्रथम अंतरराष्ट्रीय ग़ज़ल संगोष्ठी – इलाहाबाद जश्न-ए-ग़ज़ल 2015 -आयोजन रिपोर्ट

11 Nov 11, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"खूबसूरत मतले के साथ गज़ल की शुरुआत हुयी और उतने ही उम्दा अंदाज़ मे मक्ता कहा,बढ़िया रचन…"

नादिर ख़ान replied Oct 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय दिनेश जी बड़ी खूबसूरत गज़ल कही आपने, शेर दर शेर सभी अशआर पसंद आए । मतले ने ही इ…"

नादिर ख़ान replied Oct 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय जनाब मजाज़ साहब बहुत हे खूबसूरत गज़ल हुई है ढेरों मुबारकबाद 1,2 जगह टाइपिंग  मि…"

नादिर ख़ान replied Oct 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"कुछ लोग कभी जीवन भर अपने नहीं होते कितना भी उन्हें चाहो पर अपने नहीं होते   दो हाथ क…"

नादिर ख़ान replied Oct 23, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जो खोखली मुस्कानें , ले हाथ मिलाते हैं कितना भी लिपट जायें , पर अपने  नहीं होते  खूब…"

नादिर ख़ान replied Oct 23, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बारिश से हमें कोई फिर खौफ़ नहीं होता।ऐ काश कि मिट्टी के घर अपने नहीं होते।। नायाब सा…"

नादिर ख़ान replied Oct 23, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-64

534 Oct 25, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

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"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
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