Tags:
Replies are closed for this discussion.
तभी तो इनको साथी बताया है भाई विनय कुमार सिंह जी, इस स्नेहिल प्रतिक्रिया हेतु दिल से शुक्रियाI
हार्दिक आभार डॉ वर्षा चौबे जीI
धर्मोन्माद नहीं, धर्म ही सच्चा साथी होता है। जो सच्चे धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है। बहुत सुन्दर सन्देश देती उत्तम रचना के लिए हृदय से बधाई, सादर निवेदित है आदरणीय योगराज प्रभाकरजी।
आपकी इस सारस्वत टिप्पणी हेतु विनम्र आभार आ० डॉ टी आर सुकुल जीI
बहत बहुत शुक्रिया आ० शशि बांसल जीI वैसे मैं अगर "आप" हूँ तो "आप" (साथिओं) से ही हूँI
आदरणीय सर, गजब की रचना है| आपकी हर रचना में कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता ही है, इसमें भी //हाथ में पकड़ी मशालों की लौ भी शर्मिंदा हो उठी// और उसके बाद भी //इज्जत का सवाल...// दिल और दिमाग का यह मिश्रण केवल आप ही दर्शा सकते हैं| सादर नमन आपको सर|
इस स्नेहसिक्त टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार भाई चंद्रेश कुमार जीI
दिमाग को हिला डाला। आपकी हर रचना कुछ हटके पेश करती है। यह रचना भी जबरदस्त है।डबल क्लाइमेक्स इस्टाइल।
आभार इस अद्वितीय प्रस्तुति को साँझा करने के लिए। सादर नमन श्रद्धेय योगराज सर!
दिल से शुक्रिया भाई सतविन्द्र कुमार जीI
बेहतरीन रचना आद सर । कोई शब्द ही नहीं कि बयाँ कर सकूँ। ये मात्र एक रचना नहीं है बल्कि इस में आपके मार्गदर्शन में सीखने वाली सब बातों का समावेश है।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |