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आदरणीया नीता जी, बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है आपने. माता पिता सदैव औलाद के लिए उपस्थित होते है. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई सादर
"जीवनसाथी धोखेबाज़ हो सकता है माता पिता नही , तू सकुशल सुरक्षित आ गई ये कुछ कम नही” ----बेहतरीन कथ्य के साथ एक सार्थक लघुकथा की प्रस्तुति हुई है यहां आपकी आदरणीया नीता जी। बधाई स्वीकार करें।
वर्तमान की सबसे बडी समस्या को इंगीत करती उम्दा रचना के लिये बधाई स्वीकार करे निता कसार जी
इस तरह के धोखे आज आम बात हो गई माँ बाप खुश होते हैं कि बेटी की शादी एन आर आई से कर दी विदेश में राज करेगी किन्तु वहाँ किसने देखा कि वो कैसे रहता है वहाँ एक बहुत अच्छे विषय पर लिखा है आपने आँखें खोलती सुन्दर लघु कथा हेतु हार्दिक बधाई आपको नीता जी
सुन्दर मर्मस्पर्शी रचना, बधाई आदरणीया नीता कसार जी।सादर
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