For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-24 (विषय: अनुत्तरित प्रश्न)

आदरणीय साथिओ,

सादर नमन।
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के 24 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत हैI प्रस्तुत है:
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-24
विषय : "अनुत्तरित प्रश्न"
अवधि : 30-03-2017 से 31-03-2017 
.
अति आवश्यक सूचना :-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक हिंदी लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
4. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि भी लिखे/लगाने की आवश्यकता नहीं है।
5. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
6. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।
7. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताये हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
8. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है।
9. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें। 
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 12776

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

सादर आभार आदरणीया कल्पना भट्ट दी, यह प्रयास आपको ठीक लगा और अपनी टिप्पणी द्वारा आपने मेरा उत्साहवर्धन भी किया|  

देश के वीर नायकों और शहीदों को पात्र बनाकर लघुकथा लिखना मुझे भी बहुत पसंद है, अत: आपकी यह लघुकथा मुझे विशिष्ट लगी भाई चंद्रेश कुमार छ्तलानी जी प्रदत्त विषय से भी न्याय हुआ है तथा रचना कथ्य एवं शिल्प की दृष्टि से भी उम्दा है. लेकिन लघुकथा का प्रारंभ और अंत दुर्भाग्य से ढीला रह गया. क्या सिर्फ धोती-कुर्ता पहनने से ही आज़ादी आती है? आप एक सक्षम लघुकथाकार है, आप इन कमिओं पर अवश्य पार पा लेंगे. लेकिन कथानक आपकी उच्च-स्तरीय कल्प्नाशीलता को दर्शाता है जिस हेतु हार्दिक बधाई. बहरहाल बात लघुकथा के “प्रारंभ” और “अंत” की चली है तो साधिकार आपको एक लेक्चर देना चाहूँगा:

मेरा मानना है कि किसी लघुकथाकार के लेखन कौशल की वास्तविक परीक्षा कथानक के चयन के पश्चात ही प्रारंभ होती हैII अब उसे किसी धनुर्धर की तरह घूमती हुई मछली की आंख पर निशाना साधना होता हैI कथानक के चुनाव के बाद, इस प्रक्रिया के तीन मुख्य अंग है:       

 

प्रारंभ कला : लघुकथा का प्रारम्भ प्रभावशाली हो तो पाठक के ह्रदय में उत्सुकता जागती है कि आगे क्या हुआ. एक कमज़ोर प्रारंभ वाली रचना को पाठक गम्भीरता से ही लेतेI अत: आवश्यक है कि लघुकथा का प्रारंभ प्रभावशाली हो. लघुकथा का प्रारंभ बिलकुल किसी धनुर्धर द्वारा अपने वाण को विश्वास और कुशलता से कमान पर चढ़ाने जैसा हैI

 

मध्य कला: रचना जब प्रारंभ से मध्य की तरफ बढ़ती है तो वहां कथ्य और शिल्प के बुनावट और कसावट की आवश्यकता बहुत अधिक हो जाती हैI इस स्तर पर यदि कोई चूक हो जाए तो लघुकथा की गति मंथर होकर रचना में हल्कापन ला सकती है. यह किसी धनुर्धर द्वारा कमान पर वाण चढ़ाकर उसकी रस्सी को अभीष्ट दूरी तक खींचने जैसी एक अति संवेदनशील प्रक्रिया होती हैI एक कुशल एवं अनुभवी धनुर्धर कमान की डोरी में आवश्यकता से अधिक या कम खिंचाव देने के प्रति सदैव चौकन्ना रहता है. कम खिंचाव से वाण नियत स्थान तक नहीं पहुँच पाएगा तथा अधिक खिंचाव से कमान की डोरी के टूटने का जोखिम भी होता हैI         

 

अंत कला: लघुकथा का अंत उसकी आत्मा होती है, अंत से ही रचना का वास्तविक सन्देश सामने आता हैI अत: लघुकथा का अंत यदि अति-उत्तम अथवा मारक न हो तो सारा परिश्रम व्यर्थ जा सकता कथानक बिलकुल कच्चे दूध की तरह होता है, एक लघुकथाकार अपनी कल्पना शक्ति एवं उत्तम कथ्य-शिल्प की सहायता से बिलो कर लघुकथा के मध्य तक पहुँचते पहुँचते उसे मक्खन में परिवर्तित कर देता हैI लेकिन लघुकथा लेखन प्रक्रिया में “अंत कौशल” वह आंच है जिसमे पकाकर उस मक्खन में से घी निकाला जाता हैI एक धनुर्धर हरेक सावधानी बरतने के बाद भी यदि इस प्रक्रम में असफल हो जाता है तो इसका सीधा सादा अर्थ यह है कि उसकी दृष्टि मछली की आँख पर थी ही नहींII

आ सर आपकी मेहनत और लगन के लिये साधुवाद । जिस तरह से आप सभी रचनाकारों को पढ़कर उनको उचित मार्गदर्शन देतें है यह सिर्फ और सिर्फ ओबीओ में ही देखा है । सादर नमन सर ।

"सीखना-सिखाना" हमारे ओबीओ की परम्परा है आ० कल्पना भट्ट जी, बस उसी दिशा में एक लडखडाता हुआ कदम इस नाचीज़ ने भी बढ़ाया हैI

इंकिसारी में आपने लड़खड़ाता क़दम लिख दिया,हमारी नज़र में तो ये मज़बूत क़दम है, मुहतरम ।

यह सब आपके चरणों का प्रताप है आ० समर कबीर साहिब. 

जनाब योगराज प्रभाकर साहिब आदाब,आपकी टिप्पणी कमाल की है, हम जैसे नये सीखने वालों के लिये एक नायाब तोहफ़ा भी,धनुर्धर की मिसाल देकर आपने लघुकथा कैसी होनी चाहिये बहुत आसानी से समझा दिया,सलाम करता हूँ आपकी इस बारीक़ बीनी को,किसी लघुकथा की समीक्षा इतनी ख़ूबसूरत भी हो सकती है,पहली बार देखा है,बहुत ख़ूब वाह, सलामत रहो भाई यही दुआ दिल से निकल रही है ।

तह-ए-दिल से आपका शुक्रिया अदा करता हूँ मोहतरम जनाब समर कबीर साहिब. 

आदरणीय भाई साहब, आप की विस्तृत व सुंदर समीक्षा पढ़ कर दिल गदगद हो गया.

हार्दिक आभार आ० ओमप्रकाश क्षत्रिय जी. 

सादर नमन आदरणीय सर, जिस तरह से आपने इस रचना को आपने अपने आशीर्वाद से नवाज़ा और लघुकथा को ठीक करने हेतु इतने विस्तार से मार्गदर्शन किया, मेरे पास आपका आभार व्यक्त करने को शब्द नहीं हैं| मैं इस रचना को संकलन के समय बदल सकूं, इस हेतु प्रयास प्रारंभ करता हूँ| 

इससे मेरी खुद की भी रिवीज़न हो जाती है भाई डॉ चंद्रेश छतलानी जी, अत: शुक्रिया तो मुझे आपका अदा करना चाहिए.  

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी चित्र को सार्थक करती छंद रचना।चित्र के सभी भावों पर दृष्टि डाली है आपने।…"
10 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी वाह बहुत सुन्दर..चित्र के हर भाव को जीवंत करती रचना..हार्दिक बधाई "
18 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी चित्र को जीवंत कर दिया है आपके छंदों ने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें"
24 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
59 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन।चित्र को साकार करते उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई। "
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद    आओ रे सब साथ, करेंगे मिलकर मस्ती। तोड़ेंगे  हम   आम,…"
8 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"कृपया ठेले पढ़ें।एडिट का समय निकल जाने के बाद इस टंकण त्रुटि पर ध्यान गया"
10 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद  _ चित्र दिखाता मस्त, एक टोली बच्चों की हैं थोड़े शैतान, मगर दिल के सच्चों की ठान…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद ******** पके हुए  ढब  आम,  तोड़ने  बच्चे आये। गर्मी का उपचार, तभी यह…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, आदरणीय, वाह!  प्रवहमान अभिव्यक्ति पर हार्दिक बधाई शुभ-शुभ "
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय समर  भाई , ग़ज़ल पर  उपस्थिति  और विस्तृत सलाह के लिए आपका आभार तक़ाबूल-ए-…"
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service