आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
हार्दिक बधाई आदरणीय बरखा शुक्ला जी।। बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
आ. बरखा जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है. वाकई में कई बार ऐसा ही होता है कि बेटी मायके और ससुराल दोनों ही भंवर में उलझ के रह जाती है. इस बढ़िया प्रस्तुति पर मेरी तरफ से हार्दिक स्वीकार कीजिए. दो बातें :
1. आपने सास का चरित्र कुछ कठोर दिखाया है. यदि आप किसी तरह इसको जस्टिफाई भी करतीं या इसका कुछ कारण बतातीं तो लघुकथा बहुत उम्दा बन जाती.
2. यदि शीर्षक आपने "मूक वादा" की जगह "मूक वचन" या "ख़ामोश वादा" रखा होता तो ज्यादा बेहतर रहता.
सादर.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |