आदरणीय साथिओ,
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हार्दिक बधाई आदरणीय अनुपमा बाजपयी जी।लाज़वाब लघुकथा।प्रौढ़ शिक्षा के महत्त्व को दर्शाती सुंदर प्रस्तुति।
आपका हार्दिक आभार , आदरणीय ।
आभार आपका , आदरणीय ।
आभार आपका , आदरणीय शेख साहब ।
आभार आपका आदरणीय ओम प्रकाश जी ।
बहुत ही खूबसूरत लघुकथा कही है आ० अन्नपूर्णा बाजपेई जी, वाह वाह! कितनी सुन्दरता से प्रदत्त विषय को परिभाषित किया है और ऊपर से कितना सार्थक सामजिक सन्देश भी दे दिया. बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें. अंत की यह पंक्ति अनावश्यक है:
//थोड़ी ही देर में उसके पीछे घर की अन्य महिलाएं भी चल पड़ी ।//
आपका हार्दिक आभार आदरणीय प्रभाकर सर । आगे जो कमियाँ हैं उन्हे भी दूर करूंगी । अपना स्नेह बनाए रखिए ।
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