आदरणीय साथिओ,
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आदरणीय आशीष जी आदाब,
'जैसे को तैसा' वाली कहावत को चरितार्थ करती और प्रदत्त विषय को सार्थक करती साधारण किंतु एक अच्छी लघुकथा । आजकल बिल्डर्स पर नकेल कसने के लिए नया क़ानून बन गया है । RERA के रजिस्ट्रेशन के उपरांत ही कोई भी कॉलोनी वजूद में आती है । बिल्डर अब धोखाधड़ी नहीं कर सकता । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीय जनाब आरिफ साहेब। आपकी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई इसके लिए तहेदिल से शुक्रिया। प्रतिक्रिया के साथ जानकारी भी मिली ये बहुत महत्वपूर्ण है। दरअसल सरकार ने योजनाएं तो अच्छी बनाई हैं लेकिन उनका क्रियान्वयन धरातल पर पुख्ता तरीके से नहीं हो पा रहा है। रेरा केवल उन बड़े बिल्डरों के लिए है जो सामूहिक काॅलोनियों का निर्माण कर रहे हैं। रेरा में शिकायती आवेदन के साथ दो हजार रूपये फीस भी जुटाना होती है। शायद इसलिए कि कोई झूठी शिकायत न कर पाये। अभी रेरा में फुटकर/पीठे पर आने वाले असंगठित ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है। जहां हमें जानकारी है तो फुटकर या कम बजट में मकानों का ठेके लेने वाले ठेकेदार रेरा के दायरे में अभी नहीं आ पाये हैं। रेरा केवल बड़े बिल्डर, काॅलोनाइजर पर लागू होता है। चर्चा के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। दुआओं में याद रखने की गुजारिश।
आम तौर पर हर घर बनवाने वाले व्यक्ति को ऐसी परिस्थिति से दो चार होना ही पड़ता है, ठेकेदार कई जगह काम ले लेते हैं और फिर हर जगह लटकाते रहते हैं. बढ़िया रचना विषय पर, बधाई आपको आ आशीष श्रीवास्तव जी
हार्दिक बधाई आदरणीय आशीष जी।बेहतरीन संदेशप्रद लघुकथा ।समाज में आज भी इसीलिये मित्रता को सारे रिश्तों में सर्वोच्च स्थान दिया जाता है।मुसीबत में यही काम आता है।
आदरणीय तेजवीर जी। सादर प्रणाम। आपकी प्रतिक्रिया, सक्रियता और विनम्रता को नमन। आपकी टिप्पणी इसलिए भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आपने लघुकथा के लिए बहुत काम किया है और आपकी लघुकथाएं कई मंचों पर सराही भी जा चुकी हैं इसलिए हम समझते हैं कि आपकी प्रतिक्रिया से हमारा लिखा भी सार्थक हुआ। भविष्य में भी सहयोग, मार्गदर्शन, सुझाव और आशीर्वाद प्रदान करते रहने का विनम्र निवेदन।
आदरणीय विनय जी। धन्यवाद आपको लघुकथा पसंद आई। हम तो सोच रहे थे कि पता नहीं पाठकों/जानकारों को समझ भी आएगी या नहीं। प्रोत्साहन के लिए आभार। आशीर्वाद/शुभकामनाओं का सदैव आकांक्षी।
इस बढ़िया रचना के लिए हार्दिक बधाई
आदरणीय ओमप्रकाश जी। धन्यवाद आपको लघुकथा पसंद आई। दरअसल ओबीओ के मंच पर रचना प्रेषित करने का उद्देश्य यही है कि लघुकथा में आवश्यक सुधार किये जा सकें। हम उम्मीद करते हैं कि आगे भी आपके सुझाव, टिप्पणी, सहयोग हमें प्राप्त होते रहेंगे। शुभकामनाओं का अभिलाषी
मकान बनवाने में ठेकेदारों द्वारा धोखाधडी के मामले आए दिन सुनने और पढने को मिलते कहानी के माध्यम से संदेश वाहक बेहतरीन रचना।हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीय आशीष सरजी।
सम्मानीय लेखिका महोदया। सादर नमस्कार। व्यस्तता के बाद भी आपने लघुकथा के लिए समय दिया और अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराया। ये हमारे लिए प्रसन्नतादायक है। आपके प्रति हम आभार व्यक्त करते हैं। आशीर्वाद और शुभकामनाआंे का सदैव अभिलाषी।
बढ़िया ,बहुत बहुत बधाई
प्रतिक्रिया में आपकी शिरकत पर मश्कूर हंॅू। आदरणीय जनाब इकबाल साहेब। आपकी दुआएं मिलती रहें और हम समाज को मार्गदर्शित करते हुए कुछ बेहतर करते जाएं इसी मकसद से लिखने की कोशिश जारी है। आपकी प्रतिक्रिया और हौसला अफजाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। दुआओं का तलबगार।
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