Tags:
Replies are closed for this discussion.
आदरणीया कांता जी, मेरे प्रयास के अनुमोदन के लिए हार्दिक आभार. आपने सही कहा, लघुकथा के शिल्प पर बहुत कुछ स्पष्ट हुआ है और सीखने मिला है. सादर
आदरणीय मिथिलेश भाई
बच्चों को अच्छे कर्म करने अच्छी बातें सीखने को प्रेरित करती यह लघु कथा अच्छी लगी। बच्चे को फल भी तुरंत मिला। यह सच है कि नया कुछ नहीं है, पुराने मकान को ही रंग रोगन कर प्रस्तुत कर दिये पर कथा विषय के अनुरूप है । हृदय से बधाई स्वीकार करें।
आदरणीय अखिलेश सर, लघुकथा पर सुधार के लिए प्रेरित करती आपकी आत्मीय प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार.
इंसानी व्यक्तित्व का दोहरापन ऐसा विषय है जो हर समय प्रासंगिक है वैसे ही जैसे प्यार ,नफरत बदला आदि I आपकी initial unedited रचना के लिए हार्दिक बधाई आ० मिथिलेश जी
आदरणीया प्रतिभा जी, आपने सही कहा, मगर यह रचना विषय के दोहराव के कारण स्वीकार्य नहीं हो पाई. बहरहाल आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार.
वाकई बड़ों के व्यवहार को देखकर ही बच्चे सीखते हैं। बहुत सुन्दर लघुकथा। बधाई आपको बहुत बहुत।
सही कहा आपने ..... आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार.
सुन्दर ,,लघुकथा आ.बेटे के मन में असली ट्रूथ एंड चैरिटी की बुनियाद पडी |
हम जो कुछ कहते हैं, करते नहीं. निभाने के और दिखाने के व्यवहार में अंतर समाज में व्याप गयी विद्रूपता का प्रमुख कारण है. आपकी कथा शिल्प और कथ्य-विन्यास की कसौटी पर पिछली प्रस्तुतियों के सापेक्ष बहुत-बहुत सँभली हुई है, आदरणीय मिथिलेशभाई. पात्रों के मध्य संवाद का भी सुन्दर निर्वहन हुआ है. वे यथोचित क्रिस्प और सटीक हैं. अलबत्ता, विषयवस्तु और कथानक पर और समय देना था. ’वहीवहीपन’ से तारी इस प्रस्तुति की विषयवस्तु बहुत प्रभावित नहीं करती.
लेकिन आपकी सतत प्रगति आश्वस्त करती है.
शुभेच्छाएँ
आदरणीय सौरभ सर, एक नए अभ्यासी को आप जैसे सशक्त रचनाकार से यह टिप्पणी मिलती है कि //आपकी कथा शिल्प और कथ्य-विन्यास की कसौटी पर पिछली प्रस्तुतियों के सापेक्ष बहुत-बहुत सँभली हुई है, .../...आपकी सतत प्रगति आश्वस्त करती है// तो लगता है मेहनत सफल हो गई है. पूरी लगन से प्रयासरत हूँ. लघुकथा के अभ्यास के क्रम में आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया ने मेरा मनोबल बढ़ाया है. शिल्प स्तर पर शब्द -सीमा मेरे लिए एक बड़ी चुनौती थी जिस पर लगातार प्रयास कर रहा हूँ. यह प्रयास सकारात्मक दिशा में है, ये जानकार आनंदित हूँ. आपकी सराहना और मार्गदर्शन करती उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आभार. नमन
आदरणीय मिथिलेशभाई, लघुकथाओं के संदर्भ में कृपया सशक्त जैसा विशेषण मेरे लिए न प्रयुक्त किया करें.
शुभेच्छाएँ.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |