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क्या नियम और कानून सिर्फ आम आदमी के लिए है.....प्रशाशन के लिए नहीं है...
jee pritam jee theek hai sahi hai ki niyam kanoon sirf aam admi ke liye hai.dekhiye isme nhi dosh un gaadi rokne wale policewalo ki hai nahi bechare gaadi uthanewalo ki hai.hamara kuchh system hi aisa hai jisme ki ye sab kuchh karna hota hai.ab aap hi bataiye ki bechare kya karte unke uper bhi koi hai.dosh hamare sustem ka hai.rahi baat vip ki to sabse pehle neta jee log ka naam aata hai,jinke dwara yah system barbaad kiya gya hai.agar hamare town me koi vip aata hai to unki suraksha ka sara intejam jila prasasan ki hoti hai,jara sa bhi chook hui ki unki transfer ho jayegi.to bechare unka kaya kasoor hai. aur inko vip humi logo ne banaya hai ,to ek tarah se kahe to dosh hamari hai.lekin baharhaal in sare batoo ke bawjood hamare prasasan ko ye jaroor sochna chahiye tha ki hum police se pehle ek insaan hai,aur insaniat ka dharma na bhule to behtar hoga.
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