For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साथियो
सादर वन्दे
.
ओबीओ के तीसरे वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मुझे यह घोषणा करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष से इस मंच ने दो महत्वपूर्ण साहित्यक सम्मान देने का निर्णय लिया है:  
.
पहला सम्मान है ओबीओ "दुष्यंत सम्मान", यह सम्मान हर वर्ष (१ अप्रैल से ३१ मार्च तक की अवधि के लिए) ओबीओ से जुड़े किसी एक रचनाकार को हिंदी ग़ज़ल लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदत्त किया जाएगा. पुरूस्कार स्वरूप ५१०० रुपये की नकद राशि, प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र भेंट किया जाएगा.   
.
दूसरा सम्मान है ओबीओ "छंद शिरोमणि सम्मान", यह सम्मान हर वर्ष (१ अप्रैल से ३१ मार्च तक की अवधि के लिए) ओबीओ से जुड़े किसी एक रचनाकार को प्रचलित और अप्रचलित भारतीय सनातनी छंदों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदत्त किया जाएगा. पुरूस्कार स्वरूप ५१०० रुपये की नकद राशि, प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र भेंट किया जाएगा. 
.
निर्णायक समिति एवं पुरूस्कार प्रायोजकों सम्बन्धी घोषणा बहुत जल्द कर दी जाएगी. जय ओबीओ. 


योगराज प्रभाकर
(प्रधान सम्पादक)
    

Views: 2614

Reply to This

Replies to This Discussion

आदरणीय प्रधान सम्पादक महोदय,साहित्य के प्रचार प्रसार में ये एक प्रशंसनीय निर्णय है ... प्रबंधन मंडल का बहुत बहुत आभार.

सादर आभार आदरणीय अविनाश बागडे साहिब.

इन पुरस्कारों की घोषणा से निश्चय ही साहित्य से अनुराग रखने वाले सभी सुधिजनों के अंदर एक नवीन ऊर्जा का संचार होगा| साहित्य के प्रसार और उन्नयन में भी यह सहायक होगा| ओ बी ओ प्रबंधन और सम्पादकीय मण्डल को हार्दिक शुभकामनाएँ और मंच के सदस्यों को भी| अशेष धन्यवाद सहित,

भाई संदीप द्विवेदी जी, अनुमोदन हेतु दिल से आभार व्यक्त करता हूँ.

हिंदी साहित्य के विकास और प्रचार के लिए बहुत सराहनीय कदम हार्दिक स्वागत है इस घोषणा का |

 अभूतपूर्व निर्णय एवं शानदार घोषणा

सादर धन्यवाद भाई आशीष जी. 

मेरे मित्र योगी भाई...मुझे यह जान कर अपार हर्ष हो रहा है कि आपका लगाया हुआ मासूम पौधा (ओ बी ओ) अपनी खूबसूरती के किस्से अब जगह जगह ब्यान कर रहा है, आपके प्रभामण्डल के जरिये..न जाने कितने शैदाई इस तहरीक से खुद को बांध रहे हैं, यह सब आपकी बेलाग मौहब्बत और आपकी समझ का असर है कि आपके नेतृत्व में एक ऐसी टीम बनती जा रही है जो इस तहरीक को अवश्य एक नया आयाम देगें. आप इन्हीं प्रतिबद्ध युवा नव कवियों का संचालन करेंगे बल्कि उनका मार्ग दर्शन करते हुए, साहित्य के सर्वोच्च कार्यभार को आवाम के सामने एक नज़ीर की तरह पेश करेंगे..आज सदभावना को उसके असल रुप में कायम करना उतना जरुरी नहीं जितना कि इंसान को बचाना एक प्रमुख प्रश्न बन गया है. बडे भाई सौरभ पाण्डेय जी का आपके शाना बशाना देख बहुत सुँकु होता है. बागी जी, राणा जी, वीनस जैसी नव प्रतिभायें भारत में किसी नये मानव को जन्म देने की प्रसव पीड़ा से भरपूर हैं.

दुष्यंत पुरुस्कार की घोषणा करके आपने अपनी मंशा साफ़ कर दी है कि कौन प्रेरक है और कौन आराध्य, इस फ़ैसले पर पूरा संपादक मण्डल बधाई का पात्र है.

बस तकलीफ़ इस बात की है, कि मैं बहुत समय से गैर हाजिर हूँ, उसकी वजह यह है कि मैं आपकी उपस्थिती से इतना आश्वस्त हूँ कि मैंने ये मान ही लिया कि जो कुछ होगा ठीक ही होगा.

विनम्र अभिवादन के साथ आपका

शमशाद इलाही शम्स, कनैडा

शमशाद भाई जी, इस पौधे का बीजारोपण दर हकीकत मेरे ओबीओ से जुड़ने से तकरीबन एक महीने पहले  भाई गणेश बागी जी ने श्री प्रीतम तिवारी और रवि कुमार गुरु के साथ मिलकर किया था. मुझे बेहद मसर्रत है कि आज यह पौधा एक अच्छा ख़ासा दरख्त बनने की राह पर अग्रसर है. आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी ओबीओ के बारह मजबूत स्तंभों में से एक हैं जिनकी ताक़त के सहारे हम खड़े हैं.
.
दुष्यंत दरअसल विरोध के नही बल्कि विद्रोह के प्रतीक थे, जिन्होंने हिंदी ग़ज़ल को एक विलक्षण कलेवर दिया. अत: उनके नाम से सम्मान की घोषणा करके हम ने उनसे ज्यादा खुद को सम्मानित किया है. 
.
वैसे आपकी इतनी लम्बी गैर हाजरी से बेचैनी हो जाती है सरकार. बहरहाल, हमारे इस फैसले की ताईद की खातिर मैं तह-ए-दिल से आपका शुक्रिया अदा करता हूँ.

आदरणीय योगराजभाईसाहब, अपने अभिन्न शमशाद भाई को आपका कहा हुआ आपके हृदय और मस्तिष्क के संतुलित होने और उनके निर्द्वंद्व होने का सटीक उदाहरण है. 

योगस्थ कुरु कर्माणि संगं त्यक्त्वा धनन्जय ।
सिद्धयसिद्धयो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्चते।। [२-४८]

हम सभी आपके सक्षम सानिध्य में साहित्य की राह पर उद्येश्यपूर्ण यात्रा पर हैं.

आपका सादर आभार.

निर्णायक समिति का यह निर्णय अत्यंत ही प्रशंसनीय है और बहुत ही महत्वपूर्ण है.  इससे साहित्य के प्रति लोगों का रुझान तो बढेगा ही रचनकारों को प्रेरणा भी मिलेगी.  बहुत बहुत बधाई.

सादर आभार आदरणीया नीलिमा जी.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
6 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service