ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |
धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO
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a very very happy birthday to you. May god almighty give all the happiness in the whole universe. GOD BLESS U
मैं परसों से जुटा हुआ था और तीन दिन में ओ बी ओ लाईव तरही मुशायरा को भाग १ से १९ तक पूरा फिर से पढ़ डाला
कमेन्ट दर कमेन्ट बहुत सारे खट्टे मीठे पल आखों के सामने से गुजरे
खुद सहित सभी लोग की ओ बी ओ में शुरुआत से अब तक का सफ़र फिर से पढ़ा और दिल खुश हो गया
कुछ लोग इस बीच ओ बी ओ मंच छोड़ कर चले गये उनकी याद आई
कुछ लोग जाते हुए अपनी रचनाये भी डिलीट कर गये थ्रेड में उनकी रचना का न होना आखर गया :(
मगर होली की हुडदंगई से ले कर एक से बढ़ कर एक लाजवाब शेर पढ़ कर मन आनंदित हो गया
सोचा ये बात आप सभी से शेयर की जाये :))))))
जो टूट गये फिर कहाँ मिले, पर बोलो टूटे तारों पर कब अम्बर शोर मचता है.. . जो बीत गयी सो बात गयी.
महत्त्वपूर्ण यह नहीं, भाईजी, कि कौन रहा, कौन गया.. या, किस-किस ने क्या कहा, किस-किस ने क्या किया. बल्कि, महत्त्वपूर्ण तो यह है कि, जो हैं और हृदय से संलग्न हैं, उनमें से कितनों के प्रयास में सकारात्मकता है, कितनों के प्रयास में अपेक्षित सुधार है. अगर कहीं कमी है तो जानकरों द्वारा बिना अन्यान्य सोचे ध्यान और प्रयास दोनों दिये जाने की आवश्यकता है. यही महती उपलब्धि होगी इस मंच की.
वरिष्ठों और जानकारों द्वारा नये शायरों और नये रचनाकारों, जो अपने प्रयास के लिहाज से वस्तुतः गंभीर हैं, को आवश्यक माहौल मिलना चाहिये, यही सद्-प्रयास हो.
महत्त्वपूर्ण तो यह है कि, जो हैं और हृदय से संलग्न हैं, उनमें से कितनों के प्रयास में सकारात्मकता है,
सच बात ...
साथियों, बहुत ही व्यथित ह्रदय से सूचित करना पड़ रहा है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार कार्यकारिणी के सदस्य श्री संजय मिश्रा "हबीब" जी की माता जी का आकस्मिक निधन ह्रदय गति अवरुद्ध होने से कल दिनांक १७ अप्रैल १२ को हो गया | ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे तथा संजय जी के पुरे परिवार को इस अपार दुःख सहने की शक्ति दे |
परमपिता परमेश्वर से यही प्रार्थना है कि भाई संजय हबीब जी की माताजी की आत्मा को परमशांति प्रदान करें.
ईश्वर भाई संजय हबीब जी को मानसिक संबल प्रदान करें. अभी-अभी उनसे टेलिफोनिक बात हुई. वे सांस्कारिक रूप से पूर्ण संयत और मानसिक रूप से निस्पृह हैं.
ओबीओ का परिवार इन विकल करती घड़ियों में भाई संजय हबीब के साथ है.
इस दुखद समाचार को सुन कर मन को बहुत गहरा धक्का लगा. माँ खोने का गम क्या होता है, मैं उस से भली भांति परिचित हूँ. बहरहाल, इस दुःख की घड़ी मी पूरा ओबीओ परिवार भाई संजय भाई के साथ खड़ा है. परम पिता परमेश्वर माता जी की आत्मा को अपने चरणों में निवास दे तथा पूरे परिवार को इस असहनीय दुःख सहने की शक्ति बख्शी.
इस विकट एवं दुःखद घडी में संजय जी के साथ मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं| ईश्वर उनकी माता जी को जन्नत बख्शे तथा संजय जी और उनके परिवार को इस अपार दुःख को सहने का संबल| आमीन!
शोक की इस घड़ी में हम सब भाई संजय मिश्र जी के साथ हैं ! ईश्वर उनकी माँ की आत्मा को शांति प्रदान करे तथा संजय जी के सम्पूर्ण परिवार को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति दे !
अत्यंत दुखद ........ मुझे थोड़ी देर पहले आदरणीय गणेश जी से मालुम हुआ . ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शान्ति प्रदान करें . मैं उनकी पुण्य स्मृति को सादर नमन करता हूँ ... और इस दुःख की घड़ी में अपने मित्र हबीब साहेब के साथ हूँ
इस विकट घडी में संपूर्ण ओ बी ओ परिवार की और से मैं परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि श्री हबीब जी को इस आघात को सहने कि शक्ति प्रदान करे तथा उनकी माताजी कि आत्मा को शांति मिले... ॐ शांति..
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