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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
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OBO

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हार्दिक धन्यवाद आ० कल्पना रमानी दी 

आदरणीया राजेश कुमारी जी, 
" काव्य कलश "  के शुभ  विमोचन एवं  उसके सफल आयोजन हेतु हार्दिक  बधाई व शुभकामनाएं । विमोचन के समय का  यह चित्र भी सुंदर और साफ आया है। 

हार्दिक धन्यवाद आ० अखिलेश कृष्ण जी 

आदरणीया राजेश जी , काव्य कलश के लिए मेरी हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें |

सादर धन्यवाद आ० गिरिराज जी,आपकी बधाई सर आँखों पर |

प्रिय  सखी आ. राजेशकुमारी जी आपको काव्य कलश   के सफलतापूर्वक विमोचन हेतु हार्दिक बधाइयाँ,  वरिष्ठ रचनाकारों को तस्वीरों में देखकर बेहद    प्रसन्नता हुई।  सादर

आदरणीया राजेश कुमारी जी सादर,

काव्य कलश इस पुस्तक विमोचन के सफल आयोजन हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं ...

 आपकी इस अनुपम कृति काव्य कलश का प्रकाशन अंजुमन प्रकाशन के सौजन्य से एवं इस नव कृति का विमोचन गणमान्य अतिथियों तथा हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार आ. बुद्धिनाथ मिश्र जी व गंभीर रचनाकार आ० सौरभ पाण्डेय जी  की उपस्थिति में संपन्न हुआ यह अपने आप में एक सौभाग्य की बात है. इस उपलब्धि के लिए आपको हार्दिक बधाई. उपरोक्त चित्र उस शुभ अवसर की गरिमा और उत्साह का साक्षी है.

    शुभ कामनाओं सहित.......

जी सत्य नारायण जी आपने सही कहा मेरा सौभाग्य ही है जो मेरे काव्य कलश को प्रबुद्ध जनों का आशीष मिला |इनकी उपस्थिति से मेरे आयोजन की शोभा कई गुणा बढ़ गई |आपका हार्दिक धन्यवाद |

आपको ढेरों शुभकामनायें .

भाई अरुण श्री को जन्म-दिन की हार्दिक शुभकामनायें.......

तुम जियो हजारों साल, साल के दिन हो पचास हजार .....................

प्रिय अरुण श्री को जन्म दिवस की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनायें. 

हार्दिक शुभकामनाएँ, भाई..

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"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
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"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
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