For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

." अनजानी दस्तक " का लोकार्पण .....अविनाश बागडे का संचालन

Photo: " अनजानी दस्तक " से.... ************************ ' उनके हिस्से के गम नहीं देखते, घर के बाहर , हम नहीं देखते. फूलों को खिलना था खिल गए, अच्छा बुरा मौसम नहीं देखते.' ----माधुरी राउलकर...नागपुर. --------------------------------- हाल ही में नागपुर की जानी-मानी शायरा माधुरी राउलकर के ग़ज़लों का गुलदस्ता.." अनजानी दस्तक " का लोकार्पण नामचीन साहित्यकारों के समक्ष डॉ.वेदप्रकाश मिश्रा के साथ प्रसिद्द गीतकार कृष्ण कुमार चौबे,गायक एम्. ए. कादर, प्रक्षेप प्रकाशन के मानद संचालक व् रचना के अध्यक्ष डॉ. सागर खादीवाला ने किया.कवी अविनाश बागडे ने कार्यक्रम का संचालन तथा व्यंगकार अनिल मालोकर ने आभार माना.

Views: 1183

Reply to This

Replies to This Discussion

माधुरी राउलकर जी को हार्दिक बधाई तथा विमोचन की सफलता हेतु बागडे जी व् उससे जुड़े सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई 

AABHAR Rajesh kumari mam..

अविनाश जी,
माधुरी राउलकर जी तथा आपको हार्दिक बधाई

बहुत बहुत आभार वीनस केसरी  जी.

भाई अविनाशजी, हिन्दी साहित्य के विकास हेतु समर्पित रचनाकारों और वरिष्ठ सदस्यों को मेरी हार्दिक बधाई संप्रेषित है.

बहुत बहुत आभार सौरभ जी.

badhaai badhaai badhaai

 आभार   आभार  आभार Albela Khatri  जी. 

आदरणीय अविनाश सर जी बहुत बहुत बधाई आपको इस सफल संचालन हेतु
आदरणीया माधुरी जी को भी हार्दिक शुभकामनाओं सहित सादर बधाई

बहुत आभार SANDEEP KUMAR PATEL ji.

लेखक के साथ साथ आपको और इस साहित्यिक आयोजन से जुड़े सभी विद्व जनों को हार्दिक बधाई !! 

आभार'Abhinav' ji.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
19 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन।बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service