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कमोबेश हर परिवार में ये खेल चलता रहता है बहुत बधाई आपको
एकात्म सोच का परिणाम जिस तरह से आम परिवारों पर नकारात्मक प्रभाव दिखाता है, उसकी धमक तोड़ डालती है. आपकी लघुकथा केलिए धन्यवाद. सादर
"रिश्वत"
"आपके मॉल का प्लान दो बार रिजेक्ट कर चुका हूँ फिर भी आप तीसरी बार वही प्लान लेकर आए है और वह भी ऑफिस हवर्स के बाद।"
"सर ..आपके अधीनस्थ सभी अधिकारियो ने प्लान पर सहमति जताई है सिर्फ आप अड़े हुए है।"
"आपके प्रस्तावित मॉल में आग लगने पर सैकड़ो निर्दोष इन्सानो की जाने जा सकती है।आप जा सकते है।"
" शहर के नामी बिल्डर से इस तरह का व्यवहार भारी पड़ेगा आपको।"
"आपका भारी होना भी देख लूंगा, अभी निकलिये वरना मुझे सेक्युरिटी को बुलाना पड़ेगा।"
दस्तखत के लिए लाए हुए प्रस्तावित मॉल के प्लान को गुस्से से उठा कर वो चलता बना।उसके बाहर जाते ही नज़र एक अटैची पर पड़ी।
"अरे ,ये क्यों छोड़ गया यहां ,क्या है इसमें ? "
अटेची खोली तो उसमे ऊपर से नीचे तक पांच -पांच सौ के नोटों की गड्डियां भरी हुई थी।
" ये क्यों रख कर …गया ? " वो काँप उठे।
तभी दरवाजे पर चहलकदमी की आवाज आई और पल भर में ही भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता के अधिकारी अपना पहचान-पत्र बताते हुए कह रहे थे..
"रिश्वत लेने के जुर्म में आप गिरफ़्तार किए जाते हैं"
(मौलिक व अप्रकाशित)
आदरणीय मदनलाल जी, आये दिन होने वाली घटनाओं में से एक है अब ये. इस प्रस्तुति पर बहुत बहुत बधाई. लघुकथा पर पुनः आता हूँ. सादर
आदरणीय मदनलाल जी, प्रदत्त विषय के अनुरूप आपने शानदार लघुकथा कही है. इस लघुकथा में जो बात मुझे सबसे अधिक पसंद आई वह है इस घटना को कई बार सुन चुका हूँ, कई फिल्मों में देख चूका हूँ लेकिन आपने कथानक को जिस सधे ढंग से शाब्दिक किया है वह चमत्कृत करता है. कथा न केवल पाठक को बाँध कर रखती है बल्कि उसके मानस पर अपना पूरा प्रभाव भी छोडती है. ये आपकी अनुभवी लेखनी का ही कमाल है. इस शानदार प्रस्तुति पर आपको बहुत बहुत बधाई.
इसके साथ ही आपका आभार भी क्योकि मैं इस बार आयोजन के लिए लघुकथा नहीं लिख पाया था किन्तु आपकी लघुकथा पढने के बाद एक प्लॉट दिमाग में दस्तक देने लगा और फिर एक प्रयास भी कर लिया. आपका पुनः आभार
जीवन की स्याह सफ़ेद बिसात पर सत्य को आजकल सर्वदा यूं ही मात खाते देखा जाता है . आदरणीय मदनलाल जी आपने खूब बिछाया अपनी शतरंज की चटाई .
विषयानुसार बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति हुई है आदरणीय मदनलाल श्रीमाली जी सर, ईमानदार व्यक्ति को जाल में फंसा लिया जाता है| फेक स्टिंग ऑपरेशन को दर्शाती इस चुस्त लघुकथा हेतु बधाई स्वीकार करें|
आदरणीय मदनलाल श्रीमाली जी आप ने रिश्वतखोरी पर एक अच्छी लघुकथा लिखी है. आप की लघुकथा शतरंज की एक चाल को बखूबी व्यक्त करने में सक्षम हुई है. ईमानदारी पर बेईमानी इसी तरह भारी पड़ती है . बधाई आप को .
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