For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इस बार का तरही मिसरा|
"उन्ही के कदमों में ही जा गिरा जमाना है"
वज्न: १२१२१२१२१२१२२२

काफिये के मामले में आप स्वतंत्र है बस इतना ध्यान रखें कि यह मिसरा पूरी ग़ज़ल में कहीं न कही ( मिसरा ए सानी या मिसरा ए ऊला में) ज़रूर आये|

मुशायरे कि शुरुवात शनिवार से की जाएगी| admin टीम से निवेदन है कि रोचकता को बनाये रखने के लिए फ़िलहाल कमेन्ट बॉक्स बंद कर दे जिसे शनिवार को ही खोला जाय|

विशेष : जो फ़नकार किसी कारण लाइव तरही मुशायरा में शिरकत नही कर पाए हैं
उनसे अनुरोध है कि वह अपना बहूमुल्य समय निकाल लाइव तरही मुशायरे की शोभा बढाएं|

Views: 3352

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

Kya khub warnan hai.
गुरु जी ...दूसरे काफिये में कही गई आपकी यह ग़ज़ल भी कमाल की है..और बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती है| इसी सिलसिले में एक शिष्य को जिज्ञासा हो रही है की क्या इस ग़ज़ल का मकता वज्न में है? ..अगर है तो किस तरह यह विस्तार से बता कर अपने शिष्य की जिज्ञासा शांत करें|

हम सबको आपसे बहुत कुछ सीखना है|
न रोकिये यहाँ अभी मुशायरे का रथ,
मजे ही लूटिये मिजाज शायराना है,
बड़ी रकम यूँ ले के मत यहाँ निकलना तुम|
कहीं गली के आगे गुंडों का ठिकाना है|

निसार कर दूं सब जहाँ अगर तू मुस्काये|
इसी अदा पे ही मिटा तेरा दीवाना है||

अजीब शख्स है वो बात अनसुनी करता|
कहीं निगाह उसकी और कहीं निशाना है||

बड़ा कमाल कर गए है सब जो आये है|
छुपे जो खोंपचे में उनको भी बुलाना है||
Itna maza aayega kabhi nhi socha tha. Maza par aa rha to sabko hi batana hai.
तरही का बुलावा था, सोचा आज़माना है ।
कई दिनों से चाहता, देखूँ क्या ये ख़ाना है॥

मसरूफ़ियत थी जान पर और दौरे हुए कई
मिल रहा है आज गो’ मौका नहीं ख़ज़ाना है॥

भइ, कनेक्शनोस्पीड के भी हैं चोंचले कई
फिर भी बनी उम्मीद थी, इनसे पार पाना है॥

करते हुये फ़र्ज़ोकरम, हर मुसाहबी में मस्त
उन्ही के कदमों में ही जा गिरा जमाना है ॥
वाह वाह सौरभ साहब क्या शे'र निकाला है आपने, देर से आये पर जबरदस्त आये, तरही में जान ड़ाल दिये, पर ऐसे काम नहीं चलने वाला, कम से कम पांच शे'र तो कह ही दीजिये, इन्तजार है .......:-)
बयान हालेदिल करें, सुखन रहे ना शौक भर
जो मोहब्बतों को मानते उनसे बतियाना है॥

शख़्शियत मेरी प्याज-सी बोलो खुल जाएँ अभी
क्या मगर हासिल तुम्हें, मतलब नहीं रुलाना है॥
वाह वाह , ये हुई ना बात , बहुत खूब ...
शख़्शियत मेरी प्याज-सी बोलो खुल जाएँ अभी
क्या मगर हासिल तुम्हें, मतलब नहीं रुलाना है॥

क्या बात है ...नकाबपोशी का एक अलग रूप..बेहतरीन
सौरभ सर बहुत खूब..आपकी मसरूफियत से इतनी खूबसूरत ग़ज़ल निकलेगी हमने न जाना था| गिरह का शेर बड़ा उम्दा कहा गया है...और आज कल के परिवेश में प्रासंगिक भी है|

बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन|
माकूल हुश्न जिसका, अंदाज़ कातिलाना है|
उन्ही के कदमों में ही जा गिरा ज़माना है||

दफ अतन ही कभी मोहब्बत हो नहीं जाती|
प्यार की शमा को धीरे-धीरे जलाना है||

समय के साथ ही बदलेंगे भी व्यवहार उनके|
प्यार उनसे हमें कितना है ये जताना है||

गैर हाज़िर में बसंत भी लगे उजाड़ जिनके|
साथ में मौसम-ए-खिंजा लगे सुहाना है||

आज कुछ ऐसा उनके प्यार में कर जायेंगे|
हँस के कल वो कहेंगे की तू दीवाना है||

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service