For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाल साहित्य Discussions (213)

← Back to बाल साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

झगड़ा है बेकार |

काम क्रोध मद लोभ पर , जब ना लगे लगाम | बिना विचारे जो करे , क्षण में बिगड़े काम | रघुवन में वट वृक्ष विशाला | ताहि समीप बहे लघु नाला | न…

Started by Shyam Narain Verma

2 Jan 17, 2014
Reply by Shyam Narain Verma

बहादुर चंपू (बाल कहानी)

चंपू खरगोश कंधेपर बस्ता टाँगे शाम को ट्यूशन से घर लौट रहा था। उसे आज नया ज्योमैट्री बॉक्स खरीदने के चक्कर में देर हो गई थी। सर्दियों के दिन…

Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु

9 Jan 17, 2014
Reply by Saurabh Pandey

सदस्य टीम प्रबंधन

THREE FRIENDS (By Divyansh)

This is the first story framed by Divyansh, when given the names of three creatures DOLPHIN, SEA HORSE AND TORTOISE. Once upon a time ther…

Started by Dr.Prachi Singh

7 Jan 17, 2014
Reply by Saurabh Pandey

आओ मिल के वृक्ष लगाये

  आओ मिल के वृक्ष  लगाये   घर से निकले धरा बचाये । बंजर धरती फिर हरियाये । आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥ आओ मिल के वृक्ष  लगाये॥      वन उपवन ध…

Started by बसंत नेमा

4 Jan 17, 2014
Reply by Saurabh Pandey

आजादी

माधव अपने चाचू के साथ चिड़ियाघर घूम रहा था। बीच में ही चाचू से घर चलने की जिद करने लगा। चाचू ने कहा- ''बेटा इतनी दूर आए हैं,पूरा ज़ू देख तो ल…

Started by Vindu Babu

3 Jan 17, 2014
Reply by Saurabh Pandey

बूझो तो जाने (कविता )

 बूझो तो जाने ....      टिक- टिक ,टिक- टिक करती चलते चलते कभी न थकती दिन भर करती काम लेती न एक दाम बूझो तो कौन ......... ?   एक बार लगाओ अग…

Started by annapurna bajpai

3 Jan 17, 2014
Reply by Saurabh Pandey

रेल गाड़ी है गजब सवारी

रेलगाड़ी अपनी खिड़की से, नूतन दृश्य दिखाती,कहीं पहाड़, कहीं पर जंगल, आस पास दिखलाती.अचल अटल पर्वत हैं कैसे, जंगल सुरभित होते..अगर पहाड़ न होते,…

Started by JAWAHAR LAL SINGH

0 Jan 7, 2014

चिडियाघर

चिडियाघर के देखो अंदरचीते भालू हाथी बंदरतोते चिड़िया बगुला तीतरसब बैठे पिंजड़े के भीतरनन्हे मुन्ने जब जब आतेतरह तरह की चीज़ें लातेबड़े प्या…

Started by NEERAJ KHARE

2 Jan 7, 2014
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

बन्दर राजा चले ससुराल : बाल कविता : नीरज कुमार नीर

बन्दर राजा पहन के टाई ठुमक ठुमक के चले ससुराल एक हाथ में छतरी लेकर एक हाथ में लाल रूमाल   शाम ढली तो बन्दर राजा थक कर हो गए निढाल चारो तरफ…

Started by Neeraj Neer

0 Dec 17, 2013

अजब दीपावली (लघु कथा) - अन्नपूर्णा

----------------------------------   अमित पूजा करने के बाद अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पटाखे फोड़ने के लिए घर के बाहर आ गया । बच्चों को कुछ फ…

Started by annapurna bajpai

4 Dec 12, 2013
Reply by annapurna bajpai

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागाअर्थ प्रेम का है इस जग मेंआँसू और जुदाईआह बुरा हो कृष्ण…See More
yesterday
Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
May 31
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
May 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service