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परोपकार |जंगल में जा लकड़ी चुनता , सिर पर रख जाता बाज़ार | सर्दी गरमी या बारिश हो , लकड़ी बेच चले परिवार | एक दिन गया जब जंगल में , वह देखा गज शिश… Started by Shyam Narain Verma |
0 | Jun 13, 2013 |
चंदामामा दूर केपूर्णिमा के चाँद को देखते ही आज पिंकी फिर मचल उठी,''मुझे चंदा मामा के पास जाना है ,मुझे वहां ले चलो न ,''और इतना कहते ही उसने जोर जोर से र… Started by Rekha Joshi |
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Jun 12, 2013 Reply by Rekha Joshi |
बन्दर मामा // कुशवाहा//बन्दर मामा // कुशवाहा// --------------------------------------------- बन्दर मामा पहन पाजामा जा पहुंचा चीन सौ रुपये में एक मिलता मिले वहां… Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
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Jun 12, 2013 Reply by वेदिका |
भूगोल //कुशवाहा //भूगोल //कुशवाहा // -------------------- अम्मा मेरी ये बतलाना सूरज गोल चंदा मामा गोल रोटी जब तवे तुम बनाती रोटी गोल तवा भी गोल रहते जि… Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
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Jun 12, 2013 Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
चालाक सियारचालाक सियार --------------- शेर जंगल का राजा निकला हो कर तैयार भूख लगी भारी उसको मिल जाए कोई शिकार दहाड़ सुन कर शेर की पशु इधर उधर भागे… Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
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Jun 12, 2013 Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
चिड़िया रानी //कुशवाहा //चिड़िया रानी //कुशवाहा // --------------- आंगन मेरे दाना चुगने चिडियाँ रोज रोज हैं आतीं कीड़े मकोड़े छुपे घास में बीन बीन कर वो खा जाती… Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
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Jun 12, 2013 Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
तमाशा - सुधीर मौर्यगावं के मेले मेले में तमाशा आया है दूध की कटोरी में बताशा आया है। तेरी नानी और मेरी नानी एक है हम दोनों की कहानी एक है चमकती धुप में कुहा… Started by Sudheer Maurya |
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May 22, 2013 Reply by Dr.Prachi Singh |
सुंदरी सवैया - बहादुर मुनिया चुहिया / कुमार गौरव अजीतेन्दुमुनिया चुहिया सब से मिल के रहती, करती न कभी मनमानी। वन के पशु भी खुश थे उससे, कहते - "हम बालक हैं, तुम नानी"। मुनिया इक रोज उठी सुबहे गुझिय… Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
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May 7, 2013 Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
मत्तगयन्द सवैया - कौन यहाँ सबसे बलवाला / कुमार गौरव अजीतेन्दुबात चली जब जंगल में - "पशु कौन यहाँ सबसे बलवाला"। सूँड़ उठा गजराज कहे - "सब मूरख, मैं दम से मतवाला"। तो वनराज दहाड़ पड़े - "बकवास नहीं, बस… Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
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May 7, 2013 Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
मेरा सपना //कुशवाहा //मेरा सपना //कुशवाहा // ------------------------ माँ मेरी बहुत है प्यारी मुझको नित दुलराती है कई घर काम वह् करती तन काट मुझे पढवाती है … Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
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Apr 30, 2013 Reply by बृजेश नीरज |
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