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नेपाली साहित्य Discussions (6)

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नेपाली गजल

घुमी रहेछ फनफनी दिवारको घडीसरी कहाँ थियो कहाँ पुग्यो यो जिन्दगी नदी सरी बनेछ दाग छातीमा बनेर दाग बल्झियो बढेर जान्छ घाउ झन् ऊ सङ्गको दूरीस…

Started by आवाज शर्मा

2 Feb 10, 2016
Reply by Gm Suresh Prabhat

गज़ल

आज मैले पहिलो चोटी यो ग्रुपमा गज़ल पोस्ट गर्दैछु ! कस्तो लाग्यो प्रतिक्रिया सुझाव सल्लाहको अपेक्षा गर्दछु धन्यवाद ! गज़ल  समयको गतिलाई कछुव…

Started by Dalbir singh Baraili 'ghayal'

5 Feb 7, 2016
Reply by Gm Suresh Prabhat

नेपाल की कवयित्री रमोला देवी शाह ‘छिन्नलता’ की सम्वेदना और उनकी व्यापक विरहानुभूति

                             [ इस लेख में नेपाली कविता को समझने के लिए अंतर्जाल पर उपलब्ध नेपाली-हिन्दी विक्षनरी का उपयोग किया गया है  फिर…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

2 Jun 12, 2014
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

कविता: गरिवी

अभावको कसौडी बसाली अनुभवको प्रमाण-पत्र जलाई भित्री हड्डीको ढुङ्ग्रोले फुssफुss गर्दै    धेरै बेर उसले आकाक्षाको ढुंगा पकायो । पाक्छ किन नपा…

Started by Basant Shrestha

4 Jul 17, 2011
Reply by Basant Shrestha

कविता : नेपाली-अनुवाद

अनुवाद  :  एक सेतु कवि : महेंद्र भटनागर अनुवादक  : गायत्री भट्टराइ   अनुवाद भाषांतर मात्रै होइन यो सेतु हो!   एउटा मनलाइ  अर्को संग जोड़ने!…

Started by Admin

0 Jul 4, 2011

Emblem of Nepal

Mr. Ganesh, I received your email about the response to my email about the above subject.  I highly appreciate for the prompt action in rem…

Started by PS LImboo

0 Jul 4, 2011

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सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"परम् आदरणीय सौरभ पांडे जी सदर प्रणाम! आपका मार्गदर्शन मेरे लिए संजीवनी समान है। हार्दिक आभार।"
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दोहा सप्तक. . . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधमुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान…See More
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"ऐसी कविताओं के लिए लघु कविता की संज्ञा पहली बार सुन रहा हूँ। अलबत्ता विभिन्न नामों से ऐसी कविताएँ…"
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छन्न पकैया (सार छंद)

छन्न पकैया (सार छंद)-----------------------------छन्न पकैया - छन्न पकैया, तीन रंग का झंडा।लहराता अब…See More
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Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय सुधार कर दिया गया है "
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। बहुत भावपूर्ण कविता हुई है। हार्दिक बधाई।"
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Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
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सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

गहरी दरारें (लघु कविता)

गहरी दरारें (लघु कविता)********************जैसे किसी तालाब कासारा जल सूखकरतलहटी में फट गई हों गहरी…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

212/212/212/212 **** केश जब तब घटा के खुले रात भर ठोस पत्थर  हुए   बुलबुले  रात भर।। * देख…See More
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन भाईजी,  प्रस्तुति के लिए हार्दि बधाई । लेकिन मात्रा और शिल्पगत त्रुटियाँ प्रवाह…"
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"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, इस प्रस्तुति को समय देने और प्रशंसा के लिए हार्दिक dhanyavaad| "
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