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पंडितजी चाय के चुस्की लेते लेते कहले, "महाराज, बहुत बढ़िया मिलान भइल बा. अईसन मिलान त रामजी आ सीताजी के भइल रहे !" देवव्रतबाबू बोललन, "त खबर भेजवा दिआव महाराज" "हँऽ भेजवा दीहीं, बाकिर हमार एमे तनिका ’लेकिन’ लगत बा." पंडितजी कहलन. देवव्रतबाबू कहलन, "का ’लेकिन’ बा महाराज ?" पंडितजी कहलन, "हम आराम से देख के काल्हु बताइब. ओकरा बादे रउआ खबरभेजब." देवव्रतबाबू पंडितजी के भकुआइल देखते रह गइलन...
बहुत नीमन गुरूजी. रामजी अउरी सीता के कुंडली के उपमा देके रौया एक दुसरे संकेत दे देहली. धन्यवाद.
satish bhaiya ram ji aur sita ji ke kundali bahut badhia milal rahe bakir jiwan santi se na ब्ital
badhiya kahani ke sange dharavahik aage badhi rahal ba guruji ...........
dhanyabad brij bhushan ji
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