For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जानी ले की तुहू कमइबा जाई प्रदेश ,
हम कईसे जिआब बलमुआ धरी जोगनी के भेस ,
बालम तू मति जा तू मति जा तू मति जा प्रदेश ,

मई बाप के छोर के आईनी छोरनी सखी सहेलिय ,
तोहरा बिना के बा आपन तुही बोलs सनेहिया ,
तू जे बालम चल जइबा ता मन के लगी ठेस ,
हम कईसे जिआब बलमुआ धरी जोगनी के भेस ,
बालम तू मति जा तू मति जा तू मति जा प्रदेश ,

तहरे से गोरिया हमारो लागल बाटे नेहिया ,
तहरे लगे मन रही उहवा रही हमार देहिया ,
बाबूजी और मई के संगे तोहर कटी दिन शेष ,
हमरो के त काटे धाई गोरिया हो प्रदेश ,
हम कईसे जिआब बलमुआ धरी जोगनी के भेस ,
बालम तू मति जा तू मति जा तू मति जा प्रदेश ,

Views: 831

Replies to This Discussion

dhanyabad amrendar bhai
यह कविता पढ़ने के बाद यह लगता है की ,सही मे किसी भारतीय नारी ने अपने पति के परदेश जाते वक़्त अपने मन की भाव को obo के मंच पर रख दिया है.गुरु जी अपने एक नारी के वास्तविक दर्द को बयान किया है .धन्यवाद
ratnesh bhai jawan man me aail u likha gail raura pasand aail dhanyabad,
जानी ले की तुहू कमइबा जाई प्रदेश ,
हम कईसे जिआब बलमुआ धरी जोगनी के भेस ,
बालम तू मति जा तू मति जा तू मति जा प्रदेश ,

मई बाप के छोर के आईनी छोरनी सखी सहेलिय ,
तोहरा बिना के बा आपन तुही बोलs सनेहिया ,
तू जे बालम चल जइबा ता मन के लगी ठेस ,
हम कईसे जिआब बलमुआ धरी जोगनी के भेस ,


Ravi ji, hamesh ke tarah ego aur sajeev varnan wala rachna pesh kayini. Padh ke sahaj mein hi jogini ke dard ke ehsas ho jat ba. bahut bahut dhanyawaad eh rachna khatir.
neelama ji rauo ke bahut bahut dhanyabad ye ijajat afjai khatir

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . .तकदीर
"आदरणीय अच्छे सार्थक दोहे हुए हैं , हार्दिक बधाई  आख़िरी दोहे की मात्रा फिर से गिन लीजिये …"
9 hours ago
सालिक गणवीर shared Admin's page on Facebook
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर   होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर । उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service