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लहरे तिरंगा झंडा अपना देश के शान |लहरे तिरंगा झंडा अपना देश के शान | आजादी के चाहत में केतने दिहले जान | स्वतंता संग्राम के देख दर्द भरी कहानी | भेद … Started by Shyam Narain Verma |
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Dec 1, 2013 Reply by Neelam Upadhyaya |
हाथे मेंहदीहाथे मेंहदी चूड़ी कगनावा, पांवे पइलीया डारी के चलली गोरी पिया संगवा, नईहर नगरीया छोरी के, माई रोवे, बाबू रोवे रोवे दुलरा भ… Started by Akhand Gahmari |
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Nov 26, 2013 Reply by Shyam Narain Verma |
सुन शहरी बाबू जा देख गाँव के नज़ारा |सुन शहरी बाबू जा देख गाँव के नज़ारा | देखि बताव कईसे होई तोहार गुज़ारा | पहिरेल रंग विरंगे ही नया परिधान | शह… Started by Shyam Narain Verma |
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Nov 8, 2013 Reply by Meena Pathak |
मुख्य प्रबंधक भोजपुरी हास्य घनाक्षरीछंद विधा : घनाक्षरी छंद प्रकार : वर्णिक विधान : [4 x (8+8+8+7)] **** सात साल के छोटुआ, माने नहीं आवऽत बा गारी पारि-पारि देखs, मास्टरे… Started by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
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Nov 8, 2013 Reply by Meena Pathak |
सावनी गीतसावनी गीत सावन क आयल महीनवा हो हियरा हुलसाईल चनवा क जईसे चननिया हो अड.गना उतराईल ! १ – पण्डित पाहुन अग… Started by mrs manjari pandey |
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Oct 18, 2013 Reply by रामनाथ 'शोधार्थी' |
उपदेश बतावेलनगुरु के बिना सबके संसार बा अधूरा । जबे मीलिहें गुरुजी हो जाई पूरा । अँगूरी पकड़ी लिखे पढ़े सिखावेलन , मीठी बतिया से दिल बहलावेलन । सब के… Started by Shyam Narain Verma |
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Oct 4, 2013 Reply by Saurabh Pandey |
कजरी व्यंग्यकजरी व्यंग्य कोइल कूक रही निबिया की डारी पिया करै छेड्खानी पिया ना ! १ – पूछी कोइलिया से मै आज निबिया पे तैं कहे स्वाद बदलने को… Started by mrs manjari pandey |
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Oct 4, 2013 Reply by Saurabh Pandey |
मुख्य प्रबंधक "ओ बी ओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता" के सम्बन्ध में आवश्यक सूचनासभे भाई लोगन के प्रणाम, तिमाही भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता के दू गो कड़ी ओबीओ पर संचालित भईल, पहिला कड़ी कुछ निको चलल बाकी दोसरका कड़ी में… Started by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
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Jul 20, 2013 Reply by पीयूष द्विवेदी भारत |
ओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता" अंक 2 में आइल सभ रचना एके जगहओबीओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता" अंक 2, दिनांक 29 मई 2013 से 31 मई 2013 तक चलल, एह प्रतियोगिता में आइल कुल रचना, रचनाकार के नाव के साथे प्रस… Started by Team Admin |
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Jun 21, 2013 Reply by बृजेश नीरज |
बिदाई गीतभोजपुरी मेरे लिए कुछ कठिन है इसलिए कि मेरी भाषा कुछ ठेठ भोजपुरी से अलग है। जब से ओबीओ पर आया हूं कुछ इस भाषा से नजदीकी हुई है। आप सुधीजन इस… Started by बृजेश नीरज |
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Jun 1, 2013 Reply by बृजेश नीरज |
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