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सदस्य टीम प्रबंधन भुजंगप्रयात छन्द // --सौरभमात्रिक छन्दों में भुजंगप्रयात छन्द का प्रमुख स्थान रहा है. यह एक अत्यंत प्रसिद्ध छन्द है. यगण (यमाता, ।ऽऽ, १२२, लघु गुरु गुरु) की चार आवृत… Started by Saurabh Pandey |
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Sep 14, 2014 Reply by Dr. Vijai Shanker |
छंद सलिला: तीन बार हो भंग त्रिभंगी संजीव 'सलिल'छंद सलिला: तीन बार हो भंग त्रिभंगी संजीव 'सलिल' * त्रिभंगी 32 मात्राओं का छंद है जिसके हर पद की गति तीन बार भंग होकर चार चरणों (भागों) में… Started by sanjiv verma 'salil' |
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Mar 4, 2014 Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' |
बुंदेलखंड के लोक मानस में प्रतिष्ठित आल्हा या वीर छंद -संजीव 'सलिल'बुंदेलखंड के लोक मानस में प्रतिष्ठित आल्हा या वीर छंद संजीव 'सलिल' * आल्हा या वीर छन्द अर्ध सम मात्रिक छंद है जिसके… Started by sanjiv verma 'salil' |
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Feb 4, 2014 Reply by Saurabh Pandey |
सदस्य टीम प्रबंधन सवैयायह मान कर आगे बढ़ रहा हूँ कि पाठकगण और जागरुक छंद-प्रशिक्षु छंद विषयक मूलभूत जानकारी भाग - १, भाग - २ प्राप्त करने के क्रम में वर्ण और गण… Started by Saurabh Pandey |
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Jan 21, 2014 Reply by Saurabh Pandey |
सदस्य टीम प्रबंधन कविता क्या है ? .. // --सौरभमानवीय विकासगाथा में काव्य का प्रादुर्भाव मानव के लगातार सांस्कारिक होते जाने और संप्रेषणीयता के क्रम में गहन से गहनतर तथा सुगठित होते जाने… Started by Saurabh Pandey |
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Jan 15, 2014 Reply by Saurabh Pandey |
सदस्य टीम प्रबंधन मुकरियाँ या कह-मुकरियाँ : इतिहास और विधानकह-मुकरिया या मुकरिया भी काव्य-रचना में एक रोचक विधा है. इस पर एक लेख इस लिंक पर प्रस्तुत है :-http://www.openbooksonline.com/forum/topics… Started by Saurabh Pandey |
0 | Jan 14, 2014 |
चोकाहिंदी साहित्य में अन्य भाषा साहित्य की अनेक विधाओं को स्थान मिला है. इनमें जापानी विधाएं हाइकु, तांका, चोका आदि भी शामिल हैं. जापानी साहित्… Started by बृजेश नीरज |
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Nov 6, 2013 Reply by बृजेश नीरज |
दोहा : परिचय एवं विधानसाथियों! "भारतीय छंद विधान" समूह में आप सभी का हार्दिक स्वागत है| इस पर आयोजित प्रथम चर्चा के अंतर्गत आज हम सब यहाँ पर "दोहा" छंद पर चर्चा… Started by Er. Ambarish Srivastava |
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Oct 7, 2013 Reply by Meena Pathak |
सदस्य टीम प्रबंधन गंगोदक सवैया [रगण X 8]रगण यानि राजभा या ऽ।ऽ या गुरु लघु गुरु होता है. रगण की आठ आवृति गंगोदक सवैया का कारण होती है. यानि, रगण रगण रगण रगण रगण रगण रगण रग… Started by Saurabh Pandey |
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Sep 28, 2013 Reply by Saurabh Pandey |
सॉनेट: एक परिचयप्रस्तावना साहित्य भाषाओं की सीमाओं के परे होता है। तमाम विधायें एक भाषा में जन्म लेकर दूसरी भाषाओं के साहित्य में स्थापित हुईं। हिन… Started by बृजेश नीरज |
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Sep 6, 2013 Reply by Vindu Babu |
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