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भारतीय छंद विधान Discussions (68)

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भुजंगप्रयात छन्द // --सौरभ

मात्रिक छन्दों में भुजंगप्रयात छन्द का प्रमुख स्थान रहा है. यह एक अत्यंत प्रसिद्ध छन्द है. यगण (यमाता, ।ऽऽ, १२२, लघु गुरु गुरु) की चार आवृत…

Started by Saurabh Pandey

35 Sep 14, 2014
Reply by Dr. Vijai Shanker

छंद सलिला: तीन बार हो भंग त्रिभंगी संजीव 'सलिल'

छंद सलिला: तीन बार हो भंग त्रिभंगी  संजीव 'सलिल' * त्रिभंगी 32 मात्राओं का छंद है जिसके हर पद की गति तीन बार भंग होकर चार चरणों (भागों) में…

Started by sanjiv verma 'salil'

6 Mar 4, 2014
Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक'

बुंदेलखंड के लोक मानस में प्रतिष्ठित आल्हा या वीर छंद -संजीव 'सलिल'

बुंदेलखंड के लोक मानस में प्रतिष्ठित आल्हा या वीर छंद संजीव 'सलिल' *                      आल्हा या वीर छन्द अर्ध सम मात्रिक छंद है जिसके…

Started by sanjiv verma 'salil'

3 Feb 4, 2014
Reply by Saurabh Pandey

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सवैया

यह मान कर आगे बढ़ रहा हूँ कि पाठकगण और जागरुक छंद-प्रशिक्षु छंद विषयक मूलभूत जानकारी  भाग - १,  भाग - २  प्राप्त करने के क्रम में वर्ण और गण…

Started by Saurabh Pandey

30 Jan 21, 2014
Reply by Saurabh Pandey

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कविता क्या है ? .. // --सौरभ

मानवीय विकासगाथा में काव्य का प्रादुर्भाव मानव के लगातार सांस्कारिक होते जाने और संप्रेषणीयता के क्रम में गहन से गहनतर तथा सुगठित होते जाने…

Started by Saurabh Pandey

14 Jan 15, 2014
Reply by Saurabh Pandey

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मुकरियाँ या कह-मुकरियाँ : इतिहास और विधान

कह-मुकरिया या मुकरिया भी काव्य-रचना में एक रोचक विधा है. इस पर एक लेख इस लिंक पर प्रस्तुत है :-http://www.openbooksonline.com/forum/topics

Started by Saurabh Pandey

0 Jan 14, 2014

चोका

हिंदी साहित्य में अन्य भाषा साहित्य की अनेक विधाओं को स्थान मिला है. इनमें जापानी विधाएं हाइकु, तांका, चोका आदि भी शामिल हैं. जापानी साहित्…

Started by बृजेश नीरज

21 Nov 6, 2013
Reply by बृजेश नीरज

दोहा : परिचय एवं विधान

साथियों! "भारतीय छंद विधान" समूह में आप सभी का हार्दिक स्वागत है| इस पर आयोजित प्रथम चर्चा के अंतर्गत आज हम सब यहाँ पर "दोहा" छंद पर चर्चा…

Started by Er. Ambarish Srivastava

23 Oct 7, 2013
Reply by Meena Pathak

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गंगोदक सवैया [रगण X 8]

रगण यानि राजभा  या  ऽ।ऽ  या  गुरु लघु गुरु   होता है.  रगण की आठ आवृति गंगोदक सवैया का कारण होती है. यानि,  रगण रगण रगण रगण रगण रगण रगण रग…

Started by Saurabh Pandey

4 Sep 28, 2013
Reply by Saurabh Pandey

सॉनेट: एक परिचय

प्रस्तावना        साहित्य भाषाओं की सीमाओं के परे होता है। तमाम विधायें एक भाषा में जन्म लेकर दूसरी भाषाओं के साहित्य में स्थापित हुईं। हिन…

Started by बृजेश नीरज

65 Sep 6, 2013
Reply by Vindu Babu

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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
1 hour ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
1 hour ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"वाह। आप तो मुझसे प्रयोग की बात कह रहे थे न।‌ लेकिन आपने भी तो कितना बेहतरीन प्रयोग कर डाला…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आदरणीय गिरिराज जी।  नीलेश जी की बात से सहमत हूँ। उर्दू की लिपि…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
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