For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नमस्कार अहबाब, मेरा सुझाव ये है तरही मुशायरे में ग़ज़लों की संख्या १ (या २) की जानी चाहिए. मैं समझता हूँ कि ग़ज़लों की संख्या बढाने के लिए ये नियम रखा गया होगा. लेकिन मेरी नज़र में ये नियम नए लिखने वालों की आदत बिगाड़ रहा है. वो २-३ दिन में ३ ग़ज़लें कह रहे हैं. ये उनके तख़य्युल के लिए ख़तरनाक है.क्योंकि वो ग़ज़ल पूरी करने के चक्कर में ऐसा वैसा कुछ भी मौज़ू ग़ज़ल में ढाल देते हैं. आखिर ग़ज़ल कहने का मामला है, तंदूर पर रोटियाँ सेंकने का नहीं. मेरे ख़याल में ग़ज़लें १ या २ ही अधिकतम होनी चाहिए....... 

Views: 2412

Replies to This Discussion

:-))))

वीनस बाबू यहाँ मैं आपकी बात से सहमत नहीं, ओबीओ पर किसी भी मुशायरे में ३ ग़ज़लें जिस किसी ने भी कही हैं वह ग़ज़ल दर ग़ज़ल गुणवत्ता खोता ही चला गया.

आदरणीय,
विस्तृत विचारधारा पर आपकी बात से सहमत हूँ परन्तु विस्तृत विवेचना करें तो यह भी मिलेगा कि पहली दूसरी ग़ज़ल हल्की हो और तीसरी ग़ज़ल ने चौंकाया हो ...

चौंकाया हो या कि पकाया हो ?? :))))
(कुछेक अपवादों को छोड़कर)

Yograj ji. ye sanbhavik hai. maiN pahle bhi kah chuka huN ki 30 kaafiye to ustaadoN ke liye bhi sar dard ho jaate haiN.... aur agar wo unhiN kawaafi ko baar baar istemaal karenge to gunvatta kahaN se aayegi

मैं आपकी बात से सौ फ़ीसदी सहमत हूँ विपुल कुमार जी. थोक के भाव में शेअर कहने से सब से बड़ी केजुएलिटी तखय्युल की ही होती है.

तेच्निकलितिएस  माने टेक्निकलिटीज ?  है न ?

jii haaN. sorry :))))

wo transliterate nahiN karna tha lekin ho gaya

aap tamam ahbaab ne bahut khushgawaar guftaguu se ye samjhaya ki ye niyam shayad yahaN ke liye sahi hai. isse mere ilm meN izaafa hua k ye manch naye sikhne wale logoN ko dhyan meN rakhkar banaya gaya hai so ye niyam sahi hai apni jagah...... 

maiN aap sabhi ka aabhar prakat karta huN.. is discussion ke bina shayad maiN is niyam ka uddeshay kabhi na samajh paata. mere zehn ko kholne ke liye shukriya. ab admins chaheN to is forum/topic ko band kar sakte haiN. dhanyawaad

और हाँ, बहर-ओ-वजन के इलावा ओबीओ पर कमसिन मेम्बरान को उम्रदराज लोगों से अंदाज़-ए-गुफ्तगू की तमीज सीखने की भी तबक्को की जाती है. आखिर ग़ज़ल या शायरी ही तो ज़िन्दगी का वाहिद मकसद नहीं है न ?.   

muafi chahta huN Yograj ji. kya aapka ishara meri janib hai. agar mujhse koii beadabi hui hai to betakalluf ishara kareN. maiN koshish karunga k mustaqabil meN aisi Galati na ho.....

आदरणीय योगराज भाईजी का इशारा आपकी ओर कत्तई नहीं है, विपुलकुमारजी.  आदरणीय एक सामान्य किन्तु इस मंच के लिहाज से एक तथ्यपरक बात कर रहे हैं. 

आज साहित्य क्षेत्र में जिस आचरण की सबसे अधिक कमी दीख रही है वह अनुजों का अग्रजों के प्रति आदर और सम्मान है, तो उसी तरह, अनुज भी अग्रजों द्वारा प्रतिष्ठा के नाम पर घिनौने अहंकार को झेलते हैं. इस रेसिप्रोकल मानसिक गन्दगी से सदस्यों को यह मंच भरसक दूर रहने की सलाह ही नहीं देता बल्कि इस लिहाज से एक सकारात्मक परिपाटी शुरू कर चुका है.

कहना न होगा, साहित्य-सेवा रचनाधर्मिता के अंतर्गत मात्र रचना-कर्म ही नहीं है. न ही यह केवल किसी एक अलहदे या किसी समूह का मनस-रंजन है. ज्ञान जब नम्रता से विलग हो जाय तो अहंकारी हो जाता है.  इस अहंकार और आत्मश्लाघा (अपनी प्रशंसा और प्रतिष्ठा के लिये किसी हद तक जाने की कुचेष्टा) का साहित्य-क्षेत्र बहुत बड़ी कीमत दे चुका है. और अभी दे रहा है. इन्हीं सारे नकारात्मक व्यवहारों से निजात पाने के लिये अपना मंच एक माहौल बनाने का प्रयास कर रहा है. जिसकी चर्चा आदरणीय योगराजभाई ने की है.

आप इस तरह के कोमेण्ट्स को कृपया अपने ऊपर न लिया करें. आप अभी नये हैं. बहुत कुछ स्वयं स्पष्ट होता जायेगा. आप इस मंच के उद्येश्य और तदनुरूप व्यवहार को जान लेंगे तो आपके सामने सारा कुछ खुलता जायेगा.  इस समय आपका इस मंच पर जुड़ना संतुष्टि कारक है.  आपका इस मंच की परिपाटियों से समरस हो आगे बने रहना हम सभी सदस्यों के लिये आह्लादकारी होगा.

सधन्यवाद

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
14 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service